जर्मनी की राजधानी में उतरने के तुरंत बाद, मोदी ने ट्वीट किया, “बर्लिन में उतरा. मुझे विश्वास है कि यह यात्रा भारत और जर्मनी के बीच दोस्ती को बढ़ावा देगी.
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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बर्लिन पहुंचे. जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की तीन देशों की यात्रा में उनका पहला यह पड़ाव है. जर्मनी की राजधानी में उतरने के तुरंत बाद, मोदी ने ट्वीट किया, “बर्लिन में उतरा. आज, मैं चांसलर एटदरेट ओलफ स्कोल्ज के साथ बातचीत करूंगा, उद्योगपतियों के साथ बातचीत करूंगा और एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करूंगा. मुझे विश्वास है कि यह यात्रा भारत और जर्मनी के बीच दोस्ती को बढ़ावा देगी.“
सूत्रों ने कहा कि द्विपक्षीय सहयोग उच्च स्तरीय बैठकों का केंद्र बिंदु होगा, लेकिन चर्चा के दौरान यूक्रेन की स्थिति भी सामने आ सकती है. बैठक के दौरान मुख्य एजेंडे में से एक कोविड के बाद आर्थिक सुधार भी होगा.
Landed in Berlin. Today, I will be holding talks with Chancellor @OlafScholz, interacting with business leaders and addressing a community programme. I am confident this visit will boost the friendship between India and Germany. pic.twitter.com/qTNgl8QL7K
— Narendra Modi (@narendramodi) May 2, 2022
भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “इस साल अपनी पहली विदेश यात्रा पर, पीएम नरेंद्र मोदी बर्लिन में गर्मजोशी के साथ पहुंचे. भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को फिर से मजबूत करने, हमारे व्यापक सहयोग को आगे बढ़ाने और बहुपक्षीय समन्वय बढ़ाने के लिए तत्पर हैं.“ उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बर्लिन यात्रा चांसलर स्कोल्ज के साथ विस्तृत द्विपक्षीय चर्चा करने का अवसर होगी. उन्होंने कहा, “हम छठे भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता करेंगे, एक अद्वितीय द्विवार्षिक प्रारूप जिसे भारत केवल जर्मनी के साथ आयोजित करता है. कई भारतीय मंत्री भी जर्मनी की यात्रा करेंगे और अपने जर्मन समकक्षों के साथ परामर्श करेंगे.
#WATCH Indian diaspora extends a warm welcome to PM Modi in Berlin, Germany
(Source:DD) pic.twitter.com/H0yX5LWut4
— ANI (@ANI) May 2, 2022
क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर होगी चर्चा
अरिंदम बागची ने कहा, “आईजीसी की जर्मनी में नई सरकार के गठन के छह महीने के भीतर शुरुआती जुड़ाव है, जो मध्यम और लंबी अवधि के लिए हमारी प्राथमिकताओं की पहचान करने में मददगार होगा.“ 2021 में, भारत और जर्मनी ने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 साल पूरे किए और 2000 से रणनीतिक साझेदार रहे हैं. उन्होंने कहा, “मैं चांसलर स्कोल्ज के साथ रणनीतिक, क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक हूं, जो हम दोनों से संबंधित हैं.“
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