Monalisa Joshi's new book ‘Demigods Are Alive’: इस पुस्तक को पढ़ने पर पाठक को एहसास होगा कि दर्द और वेदना का भाव क्या है होता है. मोनालिसा जोशी की किताब ‘Demigods Are Alive’ समाज की कई धारणाओं को तोड़ती है.
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नई दिल्ली: ‘Demigods Are Alive’ मोनालिसा जोशी (Monalisa Joshi) की एक अद्भुत रचना है. मोनालिसा अपनी किताब में 6 महिलाओं के जीवन की 6 अलग-अलग कहानियों के माध्यम से समाज का स्टीक चित्रण करने की कोशिश करती हैं. कहानी में ये सभी महिलाएं शुरुआत में पक्षपाती लगती हैं लेकिन धीरे-धीरे जैसे-जैसे उनकी कहानियां सामने आती हैं, यह स्पष्ट हो जाता है कि उन्होंने ऐसे विकल्प, गलत मोड़ और अविवेकपूर्ण निर्णय क्यों लिए.
कहनी मे पता चलता है कि जो फैसले उन्होंने लिए वोह ऐसी स्थितियों में ले गए, जिसने उन्हें केवल पीड़ा दी. ‘Demigods Are Alive’ पुस्तक रचनात्मकता, द्वंद और संशय तीनों गुणों के साथ पाठक के साथ एक अलग और खास रिश्ता जोड़ लेती है. किताब में चित्रित महिलाओं का जीवन पाठक को सोचने पर मजबूर करता है.
मोनालिसा की लेखनी में क्या है खासियत
मोनालिसा जोशी की लेखनी की सबसे बड़ी खासियत शिल्प की समझ और चित्रण है. इन दोनों गुणों को पाठक पुस्तक में बखूबी देख सकते हैं. लेखिका की यह पुस्तक अन्य पुस्तकों से काफी अलग है. मोनालिसा की यह किताब पाठकों को कई जगह विचलित भी करती है.
क्या खास है इस पुस्तक में?
इन 6 महिलाओं की ज़िंदगी कई मोड़ों से गुजरती है. इस पुस्तक को पढ़ने पर पाठक को एहसास होगा कि दर्द और वेदना का भाव क्या है होता है. मोनालिसा जोशी की किताब ‘Demigods Are Alive’ समाज की कई धारणाओं को तोड़ती है तथा समाज की कई परंपराओं को चुनौती भी देती है. लेखिका द्वारा गढ़ित 6 महिलाओं के किरदार हर स्थिति को सार्थकता के साथ दिखाने में पूरी तरह से सफल हुए हैं.
मोनालिसा जोशी की यह पुस्तक उन्हीं के प्रकाशन Chrysanthemum Chronicles से प्रकाशित हुई है. पाठक इस किताब को Amazon से भी खरीद सकते हैं. पाठक एक बार जब इस किताब को पढ़ाना शुरू करेंगे तो पूरी किताब पढ़े बिना नहीं रह सकेंगे.
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