यहां तक कि मुस्कान ने खुद अपने हाथों से अपने भाई का दाह संस्कार किया. फिलहाल असम में यह वारदात एक बड़ी मिसाल बनकर सामने आई है.
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शिवसागर/शरीफ उद्दीन अहमद: हिंदुस्तान में आए रोज़ हिंदू-मुस्लिम के दरमियान झगड़ों की खबरे आती रहती हैं लेकिन आज के दौर में कुछ लोग ज़िंदा हैं जो हिंदुस्तान की गंगा जमनी तहज़ीब की हिफाज़त कर रहे हैं. एक ऐसा ही मामला असम के शिवसागर ज़िले से सामने आया है. यहां पर एक मुस्लिम लड़की ने हिंदू भाई की आखिरी रसूमात को अंजाम देकर करते हुए मजहब की दीवारों को गिराकर भाई-बहन के रिश्ते के साथ एकता की मिसाल पेश की है.
शिव सागर जिले की मुस्लिम लड़की मुस्कान बेगम अपने हिंदू भाई को खून के रिश्ते से भी ज्यादा मानती थी. हिंदू भाई का अचानक इंतेकाल हो गया तो उसकी आखिरी रसूमात के लिए अनके आखिरी वक्त में कोई करीबी पास नहीं था. ऐसे हालात में मुस्कान बेगम और उनके घर वालों ने खुद आगे आए और शख्स की आखिरी रसूमात को हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक अंजाम दिया.
यहां तक कि मुस्कान ने खुद अपने हाथों से अपने भाई का दाह संस्कार किया. फिलहाल असम में यह वारदात एक बड़ी मिसाल बनकर सामने आई है. इस वारदात ने एक बार फिर पूरे जिले में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का पैगाम दिया. अभी मुस्कान बेगम ने मीडिया के सामने आने से साफ इनकार कर दिया है. हालांकि उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखते हुए कहा कि उनका कहना है कि यह मेरा एक भाई के लिए फर्ज था. मैंने अपने बहन होने का फर्ज अदा किया है. इसमें मैं क्यों मीडिया के सामने जाऊं.
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