लेखिका ने कहा- प्यार करने की बदलते हुए तरीके की कहानी है 'द अर्थस्पिनर'
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लेखिका ने कहा- प्यार करने की बदलते हुए तरीके की कहानी है 'द अर्थस्पिनर'

लेखिका अनुराधा रॉय की एक नई किताब आई है, “द अर्थस्पिनर”. हैचेट इंडिया द्वारा प्रकाशित, इस किताब में आधुनिक दुनिया में जीने और प्यार करने के बदले हुए तरीकों और भारत में सह-अस्तित्व की आकांक्षा की मौत हो जाने की कहानी है.

 

'द अर्थस्पिनर' किताब और उसकी लेखक अनुराधा रॉय

नई दिल्लीः लेखिका अनुराधा रॉय ने कहा कि सामंजस्य भले ही कभी न रहा हो लेकिन सह-अस्तित्व को लेकर आकांक्षा थी. अपनी हालिया पुस्तक “द अर्थस्पिनर” में उन्होंने इस आदर्श की मौत हो जाने पर शोक जताया है. यह किताब एक कुम्हार और टेराकोटा का घोड़ा बनाने के उसके सपनों की एक मर्मस्पर्शी कहानी है. एलंगो गांव का कुम्हार उस घोड़े के साथ जीवन की सभी बड़ी चीजों के लिए तैयार था जिसके कई ग्राहक थे. फिर उस पर उर्दू में किताबत सामने आती है और जोहरा के साथ उसके अंतर-धार्मिक संबंध की बातें उठती हैं और पलक झपकते ही उसकी रचना नष्ट कर दी जाती है, और उसकी बेदाग दुनिया एक बुरे सपने में बदल गई.

"धर्म एक तरह का पागलपन पैदा कर सकता है’’ 
द अर्थस्पिनर में एक चरित्र ने टिप्पणी की, “धर्म के बारे में यही बात थी. यह एक प्रकार का पागलपन पैदा कर सकता है, मुस्लिम और हिंदू.” रॉय ने ई-मेल के जरिए दिए गए एक साक्षात्कार में कहा, “विशेष रूप से मेरी पीढ़ी और पुराने लोगों के लिए, मुझे लगता है, हम एक लुप्त हो चुके देश को याद करते हैं, जहां बहुत विविध लोगों के बीच सद्भाव कम से कम एक आदर्श था जिसकी हम आकांक्षा रखते थे. सद्भाव कभी भी नहीं था, और हमेशा उत्पीड़ित, नृशंस व्यवहार से पीड़ित लोग और बहिष्कृत लोग थे, लेकिन फिर भी, सह-अस्तित्व की आकांक्षा थी. इस अर्थ में, यह पुस्तक इस आदर्श के खत्म हो जाने के बारे में है.”

"मेरी किताब भारत में सह-अस्तित्व की उम्मीदों की मौत के बारे में है’’  
हैचेट इंडिया द्वारा प्रकाशित, ’द अर्थस्पिनर’ आधुनिक दुनिया में जीने और प्यार करने के बदले हुए तरीकों और भारत में सह-अस्तित्व की आकांक्षा की मौत हो जाने की कहानी है. कॉलेज के दिनों में कुम्हार के काम में दिलचस्पी रखने वालीं रॉय ने कहा, ’’मैं ऐसा उपन्यास लिखना चाहती थी जो मेरे वर्तमान को दर्शाता हो, जो कुछ भी मैं अपने आस-पास देखती हूं, लेकिन जो बड़ी दुनिया और अतीत के साथ अपने संबंधों को खोजने की कोशिश करता हो. 

मानव के कर्मों से धरती नष्ट हो रही है 
इस पुस्तक के शीर्षक में ’द अर्थस्पिनर’ सृष्टि की रचना करने वाले भगवान को संदर्भित करता है जिसे सभी धर्मों में एक कुम्हार के रूप में दर्शाया जाता है.” उन्होंने कहा कि जिस तरह सृष्टिकर्ता ने पृथ्वी की रचना की है, जो मानव के कर्मों से नष्ट हो रही है, उसी प्रकार एलंगो कुम्हार की सुंदर रचना भी मानव के किए कराए से नष्ट हो जाती है.

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