Name Plate Controversy: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद अब मध्य प्रदेश में दुकानदारों की नेम प्लेट की मांग उठनी शुरू हो गई है. बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने सीएम से गुहार लगाई है कि दुकान पर नाम लिखना जरूरी किया जाए. इस पत्र में लिखा है कि किसी भी शख्स का नाम उसकी पहचान होती है. किसी भी शख्स को अपने नाम पर गर्व होता है, और उसका नाम पूछना ग्राहक का अधिकार है. दुकानदार को अपना नाम बताने पर गर्व होना चाहिए, शर्म नहीं आनी चाहिए.


इंदौर-2 के विधायक ने सीएम को लिखा खत


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रमेश मेंदोला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस खत को साझा करते हुए लिखा है,"मध्यप्रदेश के हर छोटे बड़े व्यापारी, कारोबारी और दुकानदार को अपना नाम बताने में गौरव के इस भाव की अनुभूति हो सके इसलिए यशस्वी मुख्यमंत्री मोहन यादव जी को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश में हर दुकान के सामने दुकानदार का नाम लिखने का आदेश देने का आग्रह किया है."


उन्होंने आगे लिखा,"ऐसा करने से समाज में दुकानदार की पहचान स्थापित होगी और सभी  दुकानदार अपना नाम और गुडविल बढ़ाने के लिए ग्राहकों को बेहतर सेवा देने की कोशिश करेंगे इससे व्यापार जगत में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी और प्रदेश का विकास और ज्यादा तेज स्पीड से होगा."


बता दें, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पहले ही कावड़ यात्रा रास्ते पर जितनी भी दुकाने हैं उनपर मालिकों के नाम लिखने के आदेश दिए गए हैं. जिसके बाद से सियासी घमासान शुरू हो गया है. अपोजीशन सरकार पर हिंदू मुस्लिम में फर्क करने का इल्जाम लगा रही है. कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां से मुस्लिम होटल कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है.


मुजफ्फरनगर के साक्षी ढाबे का मामला


मुजफ्फरनगर के साक्षी ढाबे के मालिक ने पुलिस के दबाव में आकर 4 मुस्लिम कर्मचारियों को निकाल दिया है. ढाबे के मालिक ने आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने कहा कि यह लोग यहां काम नहीं कर सकते. ऐसे में उन्हें मजबूरी में निकलना पड़ा. ढाबे के मालिक लोकेश भारती ने फिक्र का इजहार करते हुए कहा कि अब वह कैसे अपने परिवार का खर्च उठाएंगे और वह कहां काम करेंगे.