मतदाता दिवस का आयोजन 25 जनवरी 2011 से शुरू हुआ था. इस दिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया था.
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नई दिल्ली: मुल्कभर में आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day) मनाया जा रहा है. हिंदुस्तानी आईन के मुताबिक, अवाम ही इस अनूठे लोकतंत्र की बुनियाद है. जहां जनता सरकार को चुनती है. भारत निर्वाचन आयोग पूरे देश में इस बार 7वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस सेलीब्रेट कर रहा है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य लोगों की मतदान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ-साथ मतदाताओं को एक अच्छा साफ-सुथरी छवि का प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान के लिए जागरूक करना है. इस बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ‘मतदाताओं को सशक्त, सचेत, सुरक्षित और जागरूक’बनाना है.
25 जनवरी 2011 से शुरू हुआ मतदाता दिवस
मतदाता दिवस का आयोजन 25 जनवरी 2011 से शुरू हुआ था. इस दिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया था. इसका आरंभ 1950 में चुनाव आयोग के 61 वें स्थापना दिवस पर हुआ था. 2011 के पहले यह दिन अस्तित्व में नहीं था.
इसलिए मनाया जाने लगा राष्ट्रीय मतदाता दिवस
विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाने लगा था. इसके मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में हर साल उन सभी मतदाताओं की पहचान की जाएगी, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 साल हो चुकी होगी.
जागरूक करने के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन
इस दिन देश में सरकारों और अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिससे कि देश की राजनैतिक प्रक्रियाओं में लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके. लोगों की वोटिंग में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ-साथ मतदाताओं को एक अच्छा साफ-सुथरी छवि का प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान के लिए जागरूक करना है.
कैसे मनाया जाता है मतदाता दिवस ?
इसकी एक थीम होती है. इस दिन सरकार मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाती है. खासकर जो मतदाता पहली बार वोटर हैं, या जिनके नाम अब तक वोटर्स लिस्ट में नहीं हैं. इस दिन नेशनल अवॉर्ड से चुनाव प्रक्रिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है. वोटर्स दिवस के दिन भाषण प्रतियोगिता, हस्ताक्षर अभियान, नए वोटर्स को वोटर आईडी वितरण, वोटर्स की फोटोग्राफी आयोजन होते हैं. देश में मतदान योग्य वयस्कों का पता लगाने, वोटर्स को चिन्हित करने के लिए, वोटर संख्या पता करने के लिए, वोटिंग को बढ़ावा देने के लिए भी मतदाता दिवस मनाया जाता है.
कौन दे सकता है वोट?
भारत के संविधान के मुताबिक, जो भारत का नागरिक है और जिसकी उम्र 18 साल या उससे ज्यादा है. बिना किसी भेदभाव या सिटीजनशिप एक्ट के तहत इन लोगों को वोटिंग अधिकार दिया जाता है. जिन एनआरआई (NRI) के पास इंडियन पासपोर्ट होता है, उन्हें भी वोट देने का अधिकार होता है. 18 साल का होने पर व्यक्ति को मताधिकार प्राप्त हो जाता है. इसके बाद वह सभी प्रकार के लोकतांत्रिक चुनावों में वोट डाल सकता है. सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में हर साल उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाती है, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी. हमारे लोकतंत्र को विश्व में इतना मजबूत बनाने के लिए मतदाताओं के साथ-साथ भारत देश के निर्वाचन आयोग का भी अहम् यो
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