कर्नल नवजोत सिंह बल ने ली आखिरी सांस, उनकी बहादुरी की कहानी याद रखेगा हिंदुस्तान
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नई दिल्ली : दहशतहर्दों का सफाया करने वाले कर्नल नवजोत सिंह बल ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. कर्नल नवजोत सिंह बल दो साल से कैंसर से जूझ रहे थे और आखिरकार जुमे की रात को उन्होंने आखिरी सांस ली. 39 साला शौर्य चक्र विजेता कर्नल बल ने हर जंग जीती लेकिन कैंसर से जिंदगी की जंग को वह बेंगलुरु में हार गए.
कर्नल नवजोत स्पेशल फोर्स के पैरा 2 के कमांडिंग ऑफिसर थे. एक साल पहले उन्हें कैंसर का पता चला. जिसके बाद मुंबई के टाटा कैंसर रिसर्च सेंटर से लेकर अमेरिका तक इलाज हुआ. लेकिन कैंसर पूरे शरीर में ना फैले उसके लिए डॉक्टर्स ने उनका दाया हाथ काट दिया. लेकिन कर्नल नवजोत सिंह ने हार नहीं मानी.उन्होंने अपनी ज़िदगी एक हाथ के बग़ैर शुरू की.लेकिन कुछ दिनों बाद कैंसर ने उनके बॉडी के दूसरे हिस्सों पर असर डालना शुरू कर दिया. और जुमे की रात को बैंगलुरू के हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली.उनके आखिरी समय में सेल्फी भी ली. जो उनके जज़्बे के एहसास को दिखाने के लिए काफी थी.
बता दें कि कर्नल नवजोत बल को कश्मीर की लोहाब घाटी में दहशतगर्दों के एक समूह के सफाये के लिए शौर्य चक्र से नवाजा गया था। वह कांगो में United Nations Military Mission के तहत भी तैनात थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,लॉकडाउन के चलते आर्मी अफसर के बुजुर्ग माता-पिता करीब दो हजार किलोमीटर सड़क का रास्ता तय करके अपने बेटे के आखिरी दर्शन करेंगे.
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