Sidhu sent to Patiala Central jail: सुप्रीम कोर्ट द्वारा कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद सिद्धू ने कहा था कि वह कानून का सम्मान करेंगे.
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चंडीगढ़ः पंजाब कांग्रेस के साबिक सद्र नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने 1988 के रोड रेज मामले में एक साल की सजा सुनाए जाने के बाद शुक्रवार को अपने आबाई शहर पटियाला की एक अदालत के सामने सरेंडर कर दिया. सिद्धू ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अमित मल्हान की अदालत में आत्मसमर्पण किया. मेडिकल जांच के बाद पूर्व क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू को पटियाला सेंट्रल जेल (Patiala Central Jail) में भेज दिया गया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद सिद्धू ने कहा था कि वह कानून का सम्मान करेंगे.
उसी जेल में पहले से बंद हैं बिक्रम सिंह मजीठिया
सिद्धू को एक साधारण बैरक में रखा गया है क्योंकि पंजाब में आप सरकार ने पिछले हफ्ते वीआईपी कैदियों के लिए जेलों में विशेष सेल को बंद करने का फैसला किया था. खास बात यह है कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बिक्रम सिंह मजीठिया उसी जेल में न्यायिक हिरासत में हैं, जहां सिद्धू बंद हैं. ड्रग्स के मामले में आरोपों का सामना कर रहे मजीठिया और सिद्धू दोनों कभी करीबी दोस्त थे लेकिन अब राजनीतिक दुश्मन हैं. वे हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में अमृतसर पूर्व से मैदान में थे और इस सीट पर कड़ी लड़ाई देखी गई. उन्हें आप उम्मीदवार जीवन ज्योत कौर से हार का सामना करना पड़ा.
जोश में होश खो बैठे थे सिद्धू
रोड रेज मामला 65 वर्षीय एक शख्स की मौत से जुड़ा है, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बढ़ाकर एक साल के कठोर कारावास में तब्दील कर दिया था. इससे पहले दिन में, सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्हें सरेंडर करने के लिए कुछ और सप्ताह देने की अपील की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. 27 दिसंबर, 1988 को क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू अपने एक दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला में शेरावाला गेट क्रॉसिंग के पास 65 वर्षीय गुरनाम सिंह के साथ उलझ गए थे. सिद्धू ने कथित तौर पर बुजुर्ग पर हमला बोला, जिससे वह अस्पताल में भर्ती हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई.
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