जम्मू-कश्मीर के फिर से खास राज्य का दर्जा दिलाने की ख्वाहिश रखने वाले गुपकार अलायंस (PAGD) में टूट-फूट शुरू हो चुकी है. गुपकार अलायंस का हिस्सा रहे नजीर वानी ने खुद को इससे अलग कर लिया है. अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है.
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श्रीनगर/शौकत बेग: जम्मू-कश्मीर को फिर से खास राज्य का दर्जा दिलाने की ख्वाहिश रखने वाले गुपकार अलायंस (PAGD) में टूट फूट शुरू हो चुकी है. गुपकार अलायंस का हिस्सा रहे नजीर वानी ने खुद को इससे अलग कर लिया है और अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है. नजीर अहमद वानी ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत में कई अहम खुलासे किए और गुपकार अलायंस पर कई संगीन आरोप भी लगाए.
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नजीर अहमद वानी ने खुद को गुपकार अलायंस से अलग करने के बाद अपनी पार्टी बनाई है. जिसका नाम उन्होंने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) रखा है. ज़ी मीडिया से खात बातचीत में उन्होंने गुपकार अलायंस पर आरोप लगाते हुए कहा कि PAGD ने पंचायत चुनावों में लोगों को बेवकूफ बनाकर वोट हासिल किए हैं और यह अलायंस एक चाल के तहत बनाया गया है.
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उन्होंने कहा कि हम नई पार्टी के ज़रिए एक साफ सुथरी सियासत लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं. नई पार्टी के ज़रिए हम जम्मू-कश्मीर के सियासी सिस्टम को मजूबती से खड़ा करने की कोशिश करेंगे. राज्य के नौजवानों को जिंदगी का रास्ता दिखाएंगे.
बता दें कि गुपकार अलायंस में इस समय 5 पार्टियां हैं. जिनमें जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी (NC), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), जम्मू-कश्मीर अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (M) शामिल हैं. गुपकार अलायंस के चीफ की बात करें तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ही PAGD के अध्यक्ष हैं.
क्या है गुपकार अलायंस
दरअसल, साल 2019 के अगस्त महीने में जम्मू-कश्मीर की तमाम विपक्षी पार्टियों की एक मीटिंग हुई थी. केंद्र सरकार के ज़रिए जम्मू-कश्मीर से राज्य का खास दर्जा वापस लिए जाने से एक दिन पहले 4 अगस्त को यह मीटिंग हुई थी. 370 हटाने से पहले ही केंद्र सरकार ने राज्य की सिक्योरिटी को मजबूत बनाने के मकसद से बड़ी तादाद में अर्धसैनिक बल की तैनाती की थी. इसी दौरान यह आपात मीटिंग बुलाई गई थी. जिसमें राज्य की तत्कालीन परिस्थितियों को लेकर कई अहम समझौते किए गए थे. सभी पार्टियों ने सर्व-सम्मति से फैसला किया था कि जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को संरक्षित करने के लिए वे मिलकर प्रयास करेंगी.
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गुपकार नाम कैसे पड़ा?
दरअसल, यह मीटिंग श्रीनगर में मौजूद नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला के घर पर हुई थी. श्रीनगर में मौजूद गुपकार रोड पर फारूक अब्दुल्ला का घर है. जिस वजह से इस गठबंधन का नाम "गुपकार" पड़ गया.
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