Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच एक बड़ी खबर आई है. खबर यह है कि राज ठाकरे के पोते निहार ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की है और उन्हें अपना समर्थन दिया है. इससे उद्धव की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासी संकट जारी है. यहां महाराष्ट्र के पूर्व CM उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सबसे पहले तो शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे बागी हो गए जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे को अपनी सरकार गवांनी पड़ी. शिंदे मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद शिंदे ने शिवसेना पर दावा कर दिया. अब कई नेता एक-एक करके शिंदे गुट में जा रहे हैं. इसी कड़ी में उद्धव ठाकरे के भतीजे निहार ठाकरे (Nihar Thackeray) ने अब शिंदे गुट का समर्थन किया है, जिससे उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
दरअसल निहार ठाकरे निहार ठाकरे बाला साहेब के बड़े बेटे दिवंगत बिंदुमाधव ठाकरे के पुत्र हैं. निहार के पिता बिंदुमाधव ठाकरे की 1996 में एक दुर्घटना में मौत हो गई थी. निहार मुंबई के वकील हैं. वह अब तक राजनीति में नहीं थे. लेकिन बताया जाता है कि वह रणनीतिक कानूनी सलाहकार हैं. निहार ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) से इंटरनेशनल कमर्शियल लिटिगेशन का कोर्स किया. उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज (जीएलसी) से LLB की डिग्री हासिल की है.
निहार ने भाजपा पार्टी के नेता हर्षवर्धन पाटिल की बेटी अंकिता से शादी की है. कई राजनैतिक जानकारों का मानना है कि निहार शिंदे के नेतृत्व में अपने राजनैतिक करियर की शुरूआत कर सकते हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक निहार अपने राजनैतिक करियर की शुरूआत करेंगे.
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ख्याल रहे कि बाला साहेब के पोते निहार को राजनीति में एक अहम चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है. क्योंकि वह शिंदे गुट में ठाकरे परिवार से अहम चेहरा होंगे. इस से पार्टी को एक मजबूती मिल सकती है.
इससे पहले एकनाथ शिंदे ने बाल ठाकरे की बहू और फिल्म डायरेक्टर स्मिता ठाकरे से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद स्मिता ने कहा था कि एकनाथ शिंदे एक पुराने शिवसैनिक हैं, और उन्होंने इसे एक शिष्टाचार मुलाकात कहा था. स्मिता जयदेव ठाकरे की पत्नी हैं जो बाल ठाकरे के पुत्र हैं.
ख्याल रहे कि एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के तकरीबन 40 विधायकों के साथ बगावत की थी. इसके बाद उन्होंने भाजपा के समर्थन से 30 जून को महाराष्ट्र में नई सरकार बनाई और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
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