संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तेले बुधवार को लखनऊ में आयोजित किसानों की महापंचायत ( Kisan Mahapanchayat) में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और सरकार से एमएसपी (MSP) पर कानून बनाने की मांग की.
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नई दिल्लीः संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तेले बुध को लखनऊ में किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की तादाद में किसान पहुंचे थे. इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि किसानों को फसल की कीमत प्रधानमंत्री (Prime Minister) के माफी मांगने से नहीं बल्कि एमएसपी (MSP) पर कानून बनने से मिलेगी.
किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि एक हमें अपने मकसद में कामयाब होने में लगभग एक साल इंतजार करना पड़ा लेकिन हमने हमेशा संयमित भाषा का इस्तेमाल किया और अपने आंदोलन को हिंसा से दूर रखा. लेकिन दिल्ली की चमकीली कोठियों में बैठने वालों की भाषा दूसरी थी. हमें 12 महीने लगे अपनी बात समझाने में की इस कानून से नुकसान होगा. जब उन्होंने सर्वे कराया तो ये बात उनकी समझ में भी आ गया कि किसान इस कानून के खिलाफ क्यों हैं ?
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राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री पर कसा तंज
राकेश टिकैत ने कहा कि पीएम मोदी ने कटाक्ष के साथ कानून वापस लेने की घोषणा की, जैसे कोई लड़ाई करके ’गाली’ देते हुए भागता है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को समझाने में नाकाम रहे, देश से माफी भी मांगी. टिकैत ने कहा कि जब प्रधानमंत्री गुजरात में सीएम थे तो एक कमिटी के अध्यक्ष थे जिसमें तमाम सीएम थे. तब इन्होंने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को रिपोर्ट देकर एमएसपी लागू करने की बात कही थी. वो आज भी पीएमओ में रखी है. हम बस इतनी सी मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री अपनी ही कमिटी की रिपोर्ट लागू कर दें.
स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करें मोदी
टिकैत ने कहा कि इन्होंने अपने घोषणापत्र में कहा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करेंगे. झूठ बोलकर चुनाव जीता फिर उसे लागू नहीं किया. पहले 3 क्विंटल गेहूं में एक तोला सोना आता था, आज भी 3 क्विंटल गेहूं में हमें दो तोला सोना दे दो तो हम कानून का स्वागत करेंगे. पूरा देश प्राइवेट मंडी बनने जा रहा है, आपको जागना होगा. ये आपको कहते है कि मंडी के बाहर अपना अनाज बेचो. इसका मतलब जब मंडी कमजोर होगी तो कहेंगे आमदनी नहीं, कीमतें गिरा कर अनाज बेच दोे. ये मंडी की जमीन बेचने में लगे हैं और आप हिन्दू-मुसलमान, सिख-हिन्दू और जिन्ना में उलझे हुए हैं.
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