देश ही नहीं विदेशों में भी इस देशी कंपनी की गाड़ियों की डिमांड रहती है हाई
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देश ही नहीं विदेशों में भी इस देशी कंपनी की गाड़ियों की डिमांड रहती है हाई

सोसायटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-दिसंबर 2021-22 में कुल यात्री वाहन निर्यात 4,24,037 इकाइयों का रहा जिसमें अकेले मारूति की गाड़ियों की संख्या पौने दो लाख के आसपास रही.

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः भारत दुनियाभर के वाहन निर्माताओं के लिए सिर्फ एक बाजार या आयातक देशभर नहीं है बल्कि भारत हर साला दुनिया के कई देशों को यात्री और मालवाहक वाहन निर्यात भी करता है. पिछले एक साल के अंदर वाहन निर्यात में भारी इजाफा देखा गया है. चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले नौ महीनों में भारत का यात्री वाहनों (पीवी) का निर्यात 46 प्रतिशत बढ़ा है. इस दौरान 1.68 लाख इकाइयों के निर्यात के साथ मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suziki India) सबसे आगे रही है.

एक साल में निर्यात किया गया 4 लाख से ज्यादा यात्री वाहन 
सोसायटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-दिसंबर 2021-22 में कुल यात्री वाहन निर्यात 4,24,037 इकाइयों का रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 2,91,170 वाहनों का निर्यात हुआ था. आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान यात्री कारों का निर्यात 45 प्रतिशत बढ़कर 2,75,728 इकाई पर पहुंच गया. वहीं यूटिलिटी वाहनों का निर्यात 47 प्रतिशत बढ़कर 1,46,688 इकाई रहा. इस दौरान वैन का निर्यात लगभग दोगुना होकर 1,621 इकाई रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 877 इकाई रहा था.

सबसे ज्यादा निर्यात की गई मारूति की गाड़ियां 
समीक्षाधीन अवधि में देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने 1,67,964 यात्री वाहनों का निर्यात किया. यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 59,821 इकाइयों के आंकड़े का लगभग तीन गुना है. इसके साथ ही कंपनी ने वित्त वर्ष के पहले नौ माह में सुपर कैरी (एलसीवी) की 1,958 इकाइयों का निर्यात किया. मारुति के बाद निर्यात के मामले में हुंदै मोटर इंडिया और किआ इंडिया का स्थान रहा.

इन गाड़ियों की है विदेशों में मांग 
मारुति के प्रमुख यात्री वाहन निर्यात बाजारों में लातिनी अमेरिका, आसियान, अफ्रीका, पश्चिम एशिया और पड़ोसी देश शामिल हैं. इसके शीर्ष पांच निर्यात मॉडल बलेनो, डिजायर, स्विफ्ट, एस-प्रेसो और ब्रेजा रहे. मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा कि लगभग दो साल पहले कंपनी ने निर्यात में भारी वृद्धि की दिशा में एक मजबूत प्रयास करने का फैसला किया था. हमारी इस महत्वाकांक्षा के पीछे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की स्थानीयकरण को बढ़ाने और मेक इन इंडिया के तहत निर्यात में वृद्धि की रणनीति भी है.’’ 

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