Tokyo Olympics 2020: इतिहास बनाने से चूकी भारतीय महिला हॉकी टीम, ब्रिटेन से 4-3 से हारी
ओई हॉकी स्टेडियम नार्थ पिच पर हुए इस मैच में कई बार उतार-चढ़ाव देखने को मिला. अपना तीसरा ओलंपिक खेल रहा भारत एक वक्त 0-2 से पीछे चल रहा था लेकिन उसने दनादन तीन गोल दागकर हाफ टाण तक 3-2 की लीड ले ली.
टोक्यो: भारत की महिला हॉकी टीम को शुक्रवार को खेले गए ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन के हाथों 3-4 से हार का सामना करना पड़ा. साल 2016 के रियो ओलंपिक में सिल्वर जीतने वाली ब्रिटिश टीम ने अपने आठवें ओलंपिक में तीसरी बार ब्रॉन्ज मेडल जीता है.
ओई हॉकी स्टेडियम नार्थ पिच पर हुए इस मैच में कई बार उतार-चढ़ाव देखने को मिला. अपना तीसरा ओलंपिक खेल रहा भारत एक वक्त 0-2 से पीछे चल रहा था लेकिन उसने दनादन तीन गोल दागकर हाफ टाण तक 3-2 की लीड ले ली. लेकिन इसके बाद इंग्लैंड ने लगातार दो गोल दाग मैच अपने पक्ष में कर लिया.
इंग्लैंड के लिए एलेना रेयर (16वें), सारा राबर्टसन (24वें), होली पिएरे (35वें) और ग्रेस बॉल्सडन (48वें) ने किया जबकि भारत के लिए गुरजीत कौर ने (25वें, 26वें) दो गोल किए जबकि वंदना कटारिया (29वें) ने एक गोल किया. ब्रिटेन को 12 पेनाल्टी कार्नर मिले, जिसमें से तीन को उसने गोल में बदला. भारत को कुल 8 पेनाल्टी कार्नर मिले, जिनमें से दो में गोल हुए.
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पहला क्वार्टर खाली जाने के बाद ब्रिटेन ने दूसरे क्वार्टर में 60 सेकेंड के भीतर गोल करते हुए 1-0 की लीड ले ली. उसके लिए मैच का पहला गोल एलेना रेयर ने किया. यह एक फील्ड गोल था. इस गोल ने मानो ब्रिटिश टीम में जान फूंक दी और उसने 24वें मिनट में एक और गोल कर 2-0 की लीड ले ली। यह गोल सारा राबर्टसन ने किया। यह भी एक फील्ड गोल था.
ब्रिटिश टीम हाफटाइम लीड के साथ प्रवेश करती, उससे पहले ही भारत ने एक के बाद एक दनादन तीन गोल कर 3-2 की लीड ले ली. गुरजीत कौर ने भारत का खाता 25वें मिनट में मिले पेनाल्टी कार्नर पर खोला और फिर उसके एक मिनट बाद एक और गोल कर स्कोर 2-2 कर दिया. भारत ने पेनाल्टी कार्नर पर गुरजीत द्वारा किए गए गोलों की मदद से शानदार वापसी कर ली थी.
अब भारतीय टीम उत्साह से भर चुकी थी। उसने मौके बनाने शुरू किए और उसी क्रम में उसे 29वें मिनट में एक शानदार सफलता मिली। वंदना कटारिया ने फील्ड गोल के जरिए भारत को 3-2 से आगे कर दिया. हाफ टाइम तक भारत 3-2 से आगे था. हाफ टाइम की सीटी बजने के पांच मिनट बाद ही ब्रिटेन ने गोल कर स्कोर 3-3 कर दिया। यह गोल कप्तान होली पिएरे ने किया। तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम कोई गोल नहीं कर सकी.
चौथा और अंतिम क्वार्टर जब शुरु हुआ तो मैच का रोमांच चरण पर था. दोनों टीमों के पास मेडल पाने के लिए अंतिम 15 मिनट थे. इस क्रम में हालांकि ब्रिटेन को सफलता मिल गई। 48वें मिनट में उसने पेनाल्टी कार्नर पर गोल कर 4-3 की लीड ले ली. यह गोल ग्रेस बॉल्सडन ने किया.
भारत की महिला टीम के लिए यह ओलंपिक में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन कहा जा सकता है. दुनिया की नौवें नम्बर की भारतीय टीम तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नम्बर-2 आस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी. सेमीफाइनल में हालांकि उसे हार मिली.
यह भारत का तीसरा ओलंपिक था. मास्को (1980) के 36 साल के बाद उसने रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था. भारत अंतिम रूप से चौथे स्थान पर रहा था लेकिन उस साल बहिष्कार के कारण सिर्फ छह टीमों ने ओलंपिक में हिस्सा लिया था.
इसके बाद भारत ने 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया लेकिन वह 12 टीमों के टूर्नमेंट में अंतिम स्थान पर रही थी. भारत को पूल स्तर पर पांच मैचों में सिर्फ एक ड्रॉ नसीब हुआ था.
(इनपुट- आईएएनएस)
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