सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से इस मामले को गुरुवार तक के लिए मुल्तवी करने की गुज़ारिश की क्योंकि अटॉर्नी जनरल के. वेणुगोपाल, कुछ ज़ाती वजहों उपलब्ध नहीं हो सके.
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट (Tribunal Reforms Act) और नियुक्तियों ( Tribunal Appointments) में देरी को लेकर मरकज़ी हुकूमत से कड़ी नाराजगी जताई है. चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमन्ना की की सदारत वाली जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और एल नागेश्वर राव की पीठ ने कहा कि यह साफ है कि आप इस अदालत के फैसलों का सम्मान नहीं करना चाहते हैं.
जस्टिस रमन्ना ने कहा कि अदालत इस सूरते हाल से `बेहद परेशान` है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी देने के लिए अदालत सरकार से खुश है. उन्होंने कहा, हम हुकूमत के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं.'
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से इस मामले को गुरुवार तक के लिए मुल्तवी करने की गुज़ारिश की क्योंकि अटॉर्नी जनरल के. वेणुगोपाल, कुछ ज़ाती वजहों उपलब्ध नहीं हो सके. इसके बाद यह विवाद पीठ को रास नहीं आया, बल्कि पीठ के जजों ने मेहता पर सवालों की झड़ी लगा दी.
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चीफ जस्टिस ने कहा, 'आपने कितने लोगों को (ट्रिब्यूनल में) नियुक्त किया है.' पीठ ने कहा कि नियुक्ति के लिए सिफारिशें डेढ़ साल पहले उस वक्त के मौजूद कानून के मुताबिक की गई थीं. वहीं, जस्टिस राव ने कहा, 'क्यों कोई नियुक्तियां नहीं की गई हैं. ट्रिब्यूनल बंद होने के कगार पर हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने मेहता को बताया कि एनसीएलटी, एनसीएलएटी अर्थव्यवस्था के लिए निहातय अहम हैं, और वे कॉपोर्रेट इदारों के पुनर्वास के लिए भी अहम हैं. उन्होंने कहा कि रिक्तियों की वजह से अहम मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है और इन ट्रिब्यूनलों में सदस्यों की नियुक्ति नहीं करना एक बहुत ही क्रिटिकल सूरते हाल पैदा करता है.
जस्टिस राव ने कहा, 'देखिए अब हमें किस बोझ का सामना करना पड़ रहा है. आप सदस्यों की नियुक्ति न करके इन ट्रिब्यूनलों को कमजोर कर रहे हैं.' चीफ जस्टिस ने आगे कहा, 'वे (सुप्रीम कोर्ट) फैसले का जवाब नहीं देने पर तुले हुए हैं.' अब पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए अगले सोमवार की तारीख तय की है.
(इनपुट- आईएएनएस के साथ भी)
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