Parliament Monsoon Session 2021: सुबह पार्लियामेंट की कार्रवाई शुरू होने के साथ ही विपक्षी अराकीन नारेबाजी करते हुए आसन के करीब पहुंच गए. कांग्रेस सदस्यों ने 'काले कानून वापस लो' के नारे लगाए. उन्होंने तख्तियां हाथ में ले रखी थीं.
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नई दिल्ली: तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर कांग्रेस और कुछ दूसरे विपक्षी दलों के अराकीन हंगामे की वजह से गुरुवार को लोकसभा की कार्रवाई दो बार मुल्तवी होने के बाद शाम चार बजे तक स्थगित कर दी गई. सदन में आज भी प्रश्नकाल बाधित हुआ और हंगामे के बीच ही हुकूमत ने दो विधेयक पेश किए. संसद के मॉनसून सत्र के शुरुआती दो दिन भी विपक्षी अराकीन के हंगामे के कारण निचले सदन में कामकाज नहीं हो सका.
सुबह पार्लियामेंट की कार्रवाई शुरू होने के साथ ही विपक्षी अराकीन नारेबाजी करते हुए आसन के करीब पहुंच गए. कांग्रेस सदस्यों ने 'काले कानून वापस लो' के नारे लगाए. उन्होंने तख्तियां हाथ में ले रखी थीं. इनमें से एक तख्ती पर 'अन्नदाता का अपमान बंद करो, तीनों कृषि कानून रद्द करो' लिखा था.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पार्लियामेंट में हंगामे के बीच प्रश्नकाल शुरू करवाया. इस दौरान जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने के पूरक प्रश्नों के जवाब भी दिए. सदन में नारेबाजी के बीच अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपनी जगह पर जाने और सदन चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा, 'यह सदन चर्चा और संवाद के लिए है. आपको जनता ने तख्तियां दिखाने और नारेबाजी करने के लिए नहीं भेजा है. आप मुद्दे उठाएं, चर्चा करें और जनता की समस्याओं के हल की कोशिश करें. आपको चर्चा करने का पूरा वक्त मिलेगा.'
बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से नाराजगी दिखाते हुए कहा, 'तख्तियां दिखाना और नारेबाजी करना है तो आप सदन से बाहर चले जाएं. यह मुनासिब नहीं है.' सदन में हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने सुबह करीब 11.10 बजे लोकसभा की कार्रवाई दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
सदन की बैठक दोबारा शुरू हुई तो कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाकर कार्यवाही चलने देने की अपील की. महताब ने कहा कि सरकार बार-बार कह रही है कि वह हर मामले पर चर्चा के लिए तैयार है.
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वहीं, अगल-अलग मुद्दों पर मुख्तलिफ दलों के सदस्यों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक गुरुवार को दो बार के स्थगन के बाद आखिरकार दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मंत्री अश्विनी वैष्णव 'पेगासस विवाद' पर अपना बयान ढंग से नहीं दे सके. उन्हें इसे सदन के पटल पर रखना पड़ा. हंगामे की वजह से शून्यकाल और प्रश्नकाल भी नहीं चल सके. दो बार मुल्तवी के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्रवाई हुई उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम पुकारा. इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया.
(इनपुट- भाषा)
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