Pakistan Afghan Refugees Crisis: पाकिस्तान की किस्मत पर बुरी नजर लग गई है. भारत के सर्जिकल स्ट्राइक और सिंधु जल संधि रद्द होने के बाद पाकिस्तान में हाहाकार है. अफगान शरणार्थियों की जबरन वापसी से हालात और बिगड़े.
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Pakistan Afghan Refugees Crisis: पाकिस्तान के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. ऐसा लग रहा है जैसे पाकिस्तान की किस्मत पर किसी की बददुआ लग गई है. पहले से ही आर्थिक तंगी और महंगाई की मार झेल रहा पाकिस्तान अब भारत की मार झेल रहा है और पानी के लिए तरस रहा है. पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि रद्द कर दी है, जिसकी वजह से पाकिस्तान में पानी की भारी कमी हो गई है. ऊपर से भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है. अब देश के अंदर भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. आखिरकार पाकिस्तान को अपनी नापाक हरकतों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और यह तो बस शुरुआत है.
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया है कि पाकिस्तान पर अफगानिस्तानी रिफ्यूजियों की बददुआ लग गई है. इस वजह से उसके बुरे दिन चल रहे हैं. यहां तक दावा किया जा रहा है कि जब से पाकिस्तान ने अफगानिस्तानियों को जबरन अपने मुल्क से निकालना शुरू किया है, तब से उसके बुरे दिन शुरू हो गए हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के लोगों के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है और पाकिस्तान में अफगानिस्तान के लोगों की क्या हालत है. आइए जानते हैं.
नर्क की जिंदगी जीने को मजबूर हुए हैं अफगानी
अफगानिस्तान में सालों से चल रहे गृहयुद्ध से तंग आकर अफगानियों ने पाकिस्तान और ईरान समेत कई देशों में शरण ली है, ताकि भविष्य बेहतर हो, लेकिन अफगानियों का क्या हश्र हो रहा है? पूरी दुनिया देख रही है और अफगानिस्तानी रिफ्यूजी के हालात पर खामोश है. पाकिस्तान में 8 लाख से ज्यादा अफगानी रह रहे हैं. पाकिस्तान में हर दिन अफगानियों का शोषण होता है और पाकिस्तानी पुलिस महिलाओं के साथ घिनौनी काम करती है.
एक लाख से ज्यादा अफगानियों को निकाला जा चुका है पाकिस्तान से बाहर
पाकिस्तान ने अब इन शरणार्थियों को अपने देश से निकालने का अल्टीमेटम दे दिया है. अब तक पाकिस्तान 1 लाख से ज्यादा लोगों को निकाल चुका है. जब पाकिस्तान ने इन शरणार्थियों को निकालने का आदेश जारी किया तो अफगानियों की आंखों में आंसू थे और अफगानी शरणार्थी पाकिस्तान से यहां रहने के लिए रहम की भीख मांग रहे थे. इन सभी लोगों के छोटे-छोटे बच्चे हैं और वे रो-बिलख रहे थे, फिर भी पाकिस्तानियों को फर्क नहीं पड़ा.
लोगों को जाना पड़ रहा है खाली हाथ
पाकिस्तान लगातार अफगान लोगों को जबरन देश से निकाल रहा है. लोग इतने लाचार हो गए हैं कि वे अपना सामान भी साथ नहीं ले जा पा रहे हैं. इसी कड़ी में 40 साल के आदम खान ने बताया है कि उनका पूरा परिवार पाकिस्तान में ही पैदा हुआ और वहीं पर अपना जीवन बिताया. अब अचानक उन्हें 13 लोगों के साथ पाकिस्तान छोड़ना पड़ रहा है. उनका 3 लाख पाकिस्तानी रुपये का सामान भी वहीं छूट गया है. आदम खान इस बात से काफी दुखी हैं और उन्होंने कहा, "अब हमारी आवाज कौन उठाएगा?" वहीं एक अन्य महिला शिरीन ने भी अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि उनके पास न तो घर है और न ही पैसा. अफगानिस्तान लौटने के बाद उनके पास जीने का कोई जरिया नहीं बचा है.
पाकिस्तान ने दिया अल्टीमेटम
इंटरनेशनल संस्था आईओएम की रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल से 4 मई 2025 तक 2 लाख 31 हजार से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान और ईरान से जबरन निकाला जा चुका है. इनमें से सिर्फ 80 हजार लोगों को ही कुछ मानवीय सहायता दी जा सकी है. पाकिस्तान सरकार ने पीओआर कार्ड रखने वाले अफगान नागरिकों को 30 जून 2025 तक का समय दिया है. इसके बाद उन्हें भी देश छोड़ना होगा. अफगान लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि हमें कुछ और समय दिया जाना चाहिए ताकि हम अपना घर और जिंदगी समेट सकें.