एटा: उत्तर प्रदेश के एटा में एक अजीब मामला सामने आया है. यहां एक पाकिस्तानी महिला धोखे से गांव की प्रधान बन गई. जब उसके खिलाफ लोगों ने मामले की जांच करवाई तो हकीकत सामने आई. जिसके बाद जिला पंचायत राज अफसर (DPRO) ने कार्रवाई करते हुए उसे प्रधान के ओहदे (पद) से हटा दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

"CM अमरिंदर सिंह का कत्ल करने वाले को मिलेंगे 7 करोड़ रुपये", मोहाली में लगे पोस्टर


पूरा मामला एटा के ब्लॉक जलेसर के गांव गुदाऊ का है. जहां पर एक पाकिस्तानी मूल की महिला बोने बेगम शादी में शिरकत के लिए आई थी. कराची से करीब 35 साल पहले वह एटा के इस गांव में आई थी और उसने यहीं के रहने वाले अख्तर अली से निकाह कर लिया. जिसके बाद वह 35 सालों से धोखाधड़ी करके अपने वीज़ा की मियाद बढ़ाती रही. उसने अपनी शहरियत छिपाकर अपने शौहर के आईडी का इस्तेमाल करके फर्ज़ी आधार कार्ड भा बना लिया. 


मोहन भागवत के बयान पर बोले असदुद्दीन ओवैसी- क्यों बांट रहे सर्टिफिकेट?


इस तरह बनी गांव की प्रधना
महिला 2015 में अपी ग्राम पंचायत के मेंबर के तौर पर सलेक्ट हुई. उस वक्त गांव प्रधान शहनाज़ बेगम की मौत के बाद वह प्रभारी ग्राम प्रधान बन गई. अब पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. साथ ही DPRO आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि 10 दिसंबप 2020 को ग्राम प्रधान प्रभारी के तौर पर बानो बेगम की नियुक्ति की गई थी. जांच के बाद पुलिस अफसरों ने पाया कि वह एक पाकिस्तानी शहरी है और उसने गैर कानूनी तरीके अपना वोटर आईडी कार्ड वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड बना लिए थे. इस मामले में सचिव ध्यान सिंह को एफ आई दर्ज कराने का हुक्म दिए गए हैं. 


12 एकड़ जमीन-पक्का मकान लेकिन बर्फीली ठंड में खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं "हाफिज मसूद"


बताया जा रहा है कि उन लोगों के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा जिन्होंने बानो बेगम की मदद की है. जैसे आधार कार्ड, वोटर कार्ड और अन्य दस्तावेज़ों को बनवाने में उसकी मदद की थी. 


Zee Salaam LIVE TV