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बेहद खूबसूरत हैं बलोच नेता महरंग बलूच, जिसके नाम से फूल जाते हैं पाकिस्तान के हाथ- पाँव, देखे तस्वीरें

पाकिस्तान में BYC ने महरंग बलोच की एक पुराने भाषण की वीडियों शेयर की है, जिसेक बाद से महरंग बलूज सुर्खियों में छाई हुई हैं. इस वीडियो में महरंग बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार हनन और जबरन गायब किए जाने की घटनाओं पर सरकार और सेना की आलोचना कर रही हैं.

बलूचिस्तान की महरंग बलूच

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बलूचिस्तान की महरंग बलूच

महरंग बलोच के भाषण का एक वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार हनन और जबरन गायब किए जाने की घटनाओं पर सरकार और सेना की आलोचना कर रही हैं. उनका यह वीडियों BYC ने शेयर किया है.

 

वीडियों भावनात्मक और प्रभावशाली

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वीडियों भावनात्मक और प्रभावशाली

महरंग बलोच का वायरल हो रहा भाषण पुराना है. इस भाषण को महरंग बलोच ने 'मार्च अगेंस्ट बलोच जेनोसाइड' मार्च के दौरान इस्लामाबाद से क्वेटा लौटने के दौरान दिया था. भाषण भले ही पुराना है, लेकिन बेहद भावनात्मक और प्रभावशाली भाषण है.

बलूचिस्तान में हो रही हिंसा के खिलाफ मार्च

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बलूचिस्तान में हो रही हिंसा के खिलाफ मार्च

इस भाषण में महरंग बलोच ने बलूचिस्तान में हो रही हिंसा, रहस्यमयी ढंग से जबरन गायब किए जाने की घटनाओं की तीखी आलोचना की थी. इस मार्च में लोगों की बड़ी मौजूद थी. उन लोगों को संबोधित करते हुए महरंग ने बताया था कि प्रतिरोध की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा, "हर बलोच की हत्या के बाद कई और लोग खड़े होंगे."

इंस्टीट्यूशन मर्डर के बाद शुरू हुआ आंदोलन

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 इंस्टीट्यूशन मर्डर के बाद शुरू हुआ आंदोलन

आपकों बता दें कि इस अंदोलन की शुरूआत एक बलाच नाम के बलूच नौजवान की इंस्टीट्यूशन मर्डर के बाद शुरू हुई. इसके विरोध में महरंग बलोच की अगुवाई में बलूच महिलाएं और के पीड़ित परिवार ने साथ मिलकर मार्च शुरू किया था, जो पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक पहुंचा था.

 

मार्च दुनियाभर में चर्चित

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 मार्च दुनियाभर में चर्चित

बलूच यकजेहती कमेटी के मुताबिक यह आंदोलन बलूचिस्तान में जबरन लोगों को गायब किए जाने, पुलिस कस्टडी में मौत और राज्य की जवाबदेही तय करने के लिए था. जो कि एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन था. इस आंदोलन ने न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि दुनियाभर के लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था.

मार्च दशकों से चल रहे हिंसा का प्रतीक

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मार्च दशकों से चल रहे हिंसा का प्रतीक

यह मार्च सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं बल्कि बलूचिस्तान में दशकों से चल रहे संकट के खिलाफ एक "नागरिक और लोकतांत्रिक प्रतिरोध" का प्रतीक बन चुका है. बीवाईसी ने पीड़ित परिवारों और कार्यकर्ताओं की गवाही का हवाला देते हुए कहा कि "वे हमें हर दिन मारने आते हैं. यह कोई भावनात्मक बयानबाजी नहीं बल्कि बलूचिस्तान के लोगों की जमीनी हकीकत है." 

 

इंसाफ दिलाने की कोशिश

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इंसाफ दिलाने की कोशिश

BYC ने कहा है कि इस मार्च की वापसी का मतलब यह नहीं है कि आंदोलन खत्म हो गया है बल्कि यह इंसाफ और पहचान की लड़ाई को और आगे ले जाने की तरफ एक इशारा है. बलूचिस्तान के लोगों के अधिकारों की बहाली और उन्हें इंसाफ दिलाने की कोशिश जारी रहेगी.

बलोच की बड़ी मांग

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बलोच की बड़ी मांग

बलूचिस्तान लगातार ही पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहा है.  बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलोच ने 14 मई दोपहर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "पाकिस्तान-अधिकृत बलूचिस्तान (पीओबी) में बलूच लोग सड़कों पर हैं और यह उनका राष्ट्रीय निर्णय है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है. दुनिया अब मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती."  

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