मुल्क के 11वें राष्ट्रपति रहे और अज़ीम वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के यौमे पैदाइश के मौक़े पर मुल्क की सरकरदा शख्सियात समेत आम व खास सभी लोग उन्हें याद कर रहे हैं
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नई दिल्ली/रज़ाउल्लाह शाइक़ हुदवी: साबिक़ राष्ट्रपति और मिसाइलमैन के नाम से मशहूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का आज यौमे पैदाइश है. उन ही की याद में हर साल 15 अक्टूबर को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे मनाया जाता है. यूनाइटेड नेशनंस ने 2010 में 15 अक्टूबर को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे के तौर पर मनाने का ऐलान किया था. अब्दुल कलाम न सिर्फ एक सियासतदान, एयरोस्पेस साइंटिस्ट थे, बल्कि एक बेहतरीन टीचर भी थे. वो चाहते थे कि दुनिया उन्हें एक टीचर के तौर पर याद करे.
एपीजे अब्दुल कलाम की पैदाइश 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुई थी. उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी. एपीजे अब्दुल कलाम को 1997 में भारत रत्न अवॉर्ड से सरफराज़ किया गया था.
साबिक़ सद्रे जम्हूरिया एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में इंतेक़ाल हुआ. वे आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर देने गए थे, इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका उनकी मौत हो गई..।
मुल्क के 11वें राष्ट्रपति रहे और अज़ीम वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के यौमे पैदाइश के मौक़े पर मुल्क की सरकरदा शख्सियात समेत आम व खास सभी लोग उन्हें याद कर रहे हैं और इन्हें खिराजे अकीदत पेश कर रहे हैं. लोग सोशल मीडिया के ज़रिए उन्हें याद करते हुए . #apjabdulkalam, #MissileManofIndia #BharatRatna, #HBDabdulkalam जैसे ट्रेंड चला रहे हैं जो उनकी आम व खास लोगों में मक़बूलियत की रौशन दलील है.
इसी बीच मुल्क के वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी, वज़ीरे दाखिला अमित शाह, वज़ीरे दिफा राजनाथ सिंह से लेकर दिगर कई मरकज़ी वज़ीरों ने मिसाइलमैन को याद किया और गुलहा-ए-अक़ीदत पेश किया.
वजी़रे आज़म मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'डॉ. कलाम को उनके यौमे पैदाइश के मौके पर खिराजे अकीदत, हिंदुस्तान कौमी तरक्की के तईं उनके नाक़ाबिले फरामोश खिदमात को कभी नहीं भूल सकता, चाहे वो एक साइंस्दां या फिर भारत के राष्ट्रपति के तौर पर रहा हो. उनकी ज़िंदगी का सफ़र लाखों लोगों को ताकत देता है.'
अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनके यौमे पैदाइश पर सलाम. एक विज़नरी लीडर, हिंदुस्तान के स्पेस और मिसाइल प्रोग्राम को गढ़ने वाले, जो हमेशा ही एक मजबूत और आत्मनिर्भर हिंदुस्तान बनाना चाहते थे. साइंस और तालीम के शोबे में उनकी ख़िदमात सभी के लिए मुतास्सिरकुन है.’
राजनाथ ने लिखा, 'पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनके यौमे पैदाइश पर सलाम. नए और मजबूत भारत के सपने को पूरा करने के लिए पाबंदे अहद, कलाम साहब ने अपनी पूरी ज़िंदगी हिंदुस्तान के मुस्तक़बिल की तामीर के लिए वक़्फ़ कर दिया. वह हमारी आने वाली नस्लों को मुतास्सिर करते रहेंगे. उनकी जयंती पर उन्हें खिराजे अकीदत पेश करता हूं.'
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