पीएम मोदी ने यह भी कहा, "मैं इस मौके पर यह भी कहूंगा कि अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल कुछ और साल जीते होते तो गोवा को अपनी आजादी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता."
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पणजी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि अगर भारत के पूर्व गृहमंत्री दिवंगत सरदार वल्लभभाई पटेल लंबे वक्त तक जिंदा रहे होते, तो गोवा को भारत की आजादी के बाद पुर्तगाली औपनिवेशिक शासन से आज़ाद होने के लिए और 14 साल इंतजार नहीं करना पड़ता. पीएम मोदी 19 दिसंबर 1961 को राज्य की आज़ादी की 60वीं सालगिरह के मौके पर गोवा में एक सभा को खिताब कर रहे थे.
मोदी ने अपने खिताब में कहा, "कम से कम 21 आज़ादी सेनानियों को अपनी जान देनी पड़ी, जिसमें पंजाब के वीर करनैल सिंह बेनीपाल भी शामिल थे. वे बेचैन थे, क्योंकि भारत का एक हिस्सा अभी भी विदेशी शासन के अधीन था. कुछ देशवासियों को अभी भी आजादी नहीं मिली थी."
मोदी ने यह भी कहा, "मैं इस मौके पर यह भी कहूंगा कि अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल कुछ और साल जीते होते तो गोवा को अपनी आजादी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता." गोवा की आज़ादी में 'देरी' का विषय, पूर्व पुर्तगाली उपनिवेश का समावेश मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के ज़रिए कई मौकों पर किया गया है.
गोवा के मुख्यमंत्री ने जनवरी, 2020 में कहा था, "मुझे लगता है, भारत की आजादी के 14 साल बाद गोवा को आजादी दिलाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जिम्मेदार थे. उनकी वजह से हमें 14 साल बाद आजादी मिली. अगर उनमें राजनीतिक इच्छाशक्ति होती, अगर वे हकीकत में गोवा के लोगों की परवाह करते, तो गोवा पुर्तगाली शासन से कब का आज़ाद हो गया होता."
सावंत ने पिछले साल नवंबर में कहा था, "450 वर्षो के शोषणकारी पुर्तगाली शासन के बावजूद गोवा अपनी संस्कृति को अक्षुण्ण रखने में कामयाब रहा। हमारे पास 14 साल के वनवास (निर्वासन) की अवधि थी। भारत पहले से ही स्वतंत्र था और 14 साल तक हम पर शोषणकारी पुर्तगाली शासन जारी रहा था."
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