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हिंदुस्तान को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी नई तालीमी पॉलिसी: PM नरेंद्र मोदी

वज़ीरे आज़म ने कहा कि आज मुझे इत्मिनान है कि हिंदुस्तान की कौमी तालीमी पॉलिसी को बनाते वक्त, इन सवालों पर संजीदगी से काम किया गया. बदलते वक्त के साथ एक नया आलमी इंतेज़ाम खड़ा हो रहा है,

हिंदुस्तान को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी नई तालीमी पॉलिसी: PM नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी ने आज नई तालीमी पॉलिसी बोलते हुए कहा कि हर मुल्क अपने तालीमी निज़ाम को अपनी कौमी वेल्यूज़ के साथ जोड़ते हुए अपने National Goals के मुताबिक रिफॉर्म करते हुए चलता है. उन्होंने कहा कि मकसद ये होता है कि मुल्क का तालीमी निज़ाम अपनी मौजूदा और आने वाली नस्लों का मुस्तकबिल तैयार रखे, मुस्तकबिल तैयार करे. गुज़िश्ता कई सालों से हमारे तालीमी निज़ाम में बड़ी तब्दीली नहीं हुए थी. नतीजा ये हुआ कि हमारे समाज में तजस्सुस और तखय्युल की क़द्र को फरोग देने की बजाय भेड़ चाल को हौसला मिला था. 

पीएम ने कहा कि ये भी खुशी की बात है कि नई पॉलिसी आने के बाद मुल्क के किसी भी शोबे से, किसी भी तबके से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का इम्तियाज़ है या ये किसी एक जानिब झुकी हुई है. कुछ लोगों के मन में ये सवाल आना कुदरती है कि इतना बड़ा सुधार कागजों पर तो कर दिया गया लेकिन इसे ज़मीन पर कैसे उतारा जाएगा यानी अब सबकी निगाहें इसके नाफिज़ होने की तरफ हैं. जितनी ज्यादा वाज़ह जानकारी होगी फिर उतना ही आसान इस कौमी तालीमी पॉलिसी को नाफिज़ करना भी होगा. 

वज़ीरे आज़म ने गुरू रबिंद्र नाथ ठाकुर को याद करते हुए कहा कि आज गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर का यौमे विलादत भी है. वो कहते थे कि आला तालीम वो है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारी ज़िंदगी के तामाम वजूद के साथ हम आहंगी में लाती है. यकीनी तौर पर कौमी तालीम पॉलिसी का बड़ा मकसद इसी से जुड़ा है.

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वज़ीरे आज़म ने कहा कि आज मुझे इत्मिनान है कि हिंदुस्तान की कौमी तालीमी पॉलिसी को बनाते वक्त, इन सवालों पर संजीदगी से काम किया गया. बदलते वक्त के साथ एक नया आलमी इंतेज़ाम खड़ा हो रहा है, एक नया ग्लोबल स्टेंडर्ड भी तय हो रहा है.

अब कोशिश ये है कि बच्चों को सीखने के लिए इंक्वायरी पर मबनी, दरयाफ्त पर मबनी, बहस पर मबनी और तजज़िये पर मबनी तरीकों पर ज़ोर दिया जाए. इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी और उनके क्लास में उनकी भागीदारी भी बढ़ेगी साथ ही हर तलबा को ये मौका मिलना ही चाहिए कि वो अपने Passion को Follow करें, वो अपनी सहूलत और ज़रूरत के हिसाब से किसी डिग्री या कोर्स को Follow कर सकें और अगर उसका मन करे तो वो छोड़ भी सके.

कोई कोर्स करने के बाद स्टूडेंट जब नौकरी के लिए जाता है तो उसे पता चलता है कि जॉब की ज़रूरतें पूरी नहीं करता है. कई स्टूडेंट्स को अलग-अलग वुजूहात की सूरतेहाल में कोर्स छोड़कर जॉब करनी पड़ती है. ऐसी हालत का खयाल रखते हुए मल्टीपल एंट्री और बाहर का ऑप्शन भी दिया गया है.

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