चन्नी ने इतवार को हिंदू ग्रंथों (Hindu Holy Book), रामायण (Ramayna), महाभारत (Mahabharat) और भगवद गीता (Bhagwata Geeta) पर रिसर्च सेंटर (Research Centre) कायम करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में आवारा पशुओं की सही तरीके से देखभाल सुनिश्चित करने के लिए ब्राह्मण कल्याण बोर्ड को यह कार्य सौंपा जाएगा.
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फगवाड़ाः पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab CM CharanJit Singh Channi) ने इतवार को हिंदू ग्रंथों (Hindu Holy Book) रामायण (Ramayna), महाभारत (Mahabharat) और भगवद गीता (Bhagwat Geeta) पर रिसर्च सेंटर (Research Centre) कायम करने का ऐलान किया है और कहा कि वह खुद संस्कृत सीखेंगे और महाभारत पर ‘डॉक्टरेट’ (Doctorate on Mahabharta) करेंगे. यहां भगवान परशुराम तपोस्थल की बुनियाद रखने के बाद चन्नी ने शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल की तुलना मुबैयाना तौर पर महाभारत के धृतराष्ट्र से करते हुए कहा कि उनके ’पुत्र मोहश’ ने उनकी पार्टी को ’बर्बाद’ कर दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शोध केंद्र तीन हिंदू ग्रंथों के संदेश को प्रदर्शित करेगा.
चन्नी ने कहा, गीता के उपदेश अद्वितीय हैं
चन्नी ने कहा कि जमाने से ये ग्रंथ पूरी इंसानियत के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं और शोध केंद्र इनके संदेश को सबसे आसान रूप में जनता तक पहुंचाने के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा. चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए एक सम्मानित शंकराचार्य को शामिल करने की कोशिश कर रही है. चन्नी ने कहा कि एक बुद्धिमान और विद्वान व्यक्ति ने मुझसे कहा था कि मुझे अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए हर दिन भगवद गीता का एक श्लोक सीखना चाहिए. गीता के उपदेश अद्वितीय हैं.
चन्नी पहले से कर रहे हैं पीएचडी
चन्नी ने कहा कि मेरी वर्तमान पीएचडी तीन महीने में पूरी हो जाएगी. फिर मैं संस्कृत सीखना शुरू कर दूंगा और महाभारत पर पीएचडी करूंगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आवारा पशुओं की सही तरीके से देखभाल सुनिश्चित करने के लिए ब्राह्मण कल्याण बोर्ड को यह कार्य सौंपा जाएगा.
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