यूपीएमएससी की ओर से मुहैया कराए गए पीपीई किट की क्वालिटी के लेवल पर उठे सवाल,महानिदेशक ने पीपीई किट के उपयोग पर लगाई रोक
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लखनऊ: कोरोना वॉरियर्स के लिए PPE किट ही वो सिक्योरिटी कवर है जो कोरोना मुतास्सिर मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर्स और मेडिकल कारकुनान को कोरोना के असरात से बचाता है. लेकिन इसी बीच यूपी में कोरोना का इलाज कर रहे हॉस्पिटल्स के मेडिकल स्टाफ को घटिया लेवल के पीपीई किट मिलने की बात आते ही सनसनी मच गई. ये सभी PPE किट पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (PPE) किट यूपीएमएससी (UPMSC) की ओर से मुहैया कराए गए थे.
कोरोना वायरस की जांच में जुटे डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट पहनना ज़रूरी है. सरकारी मेडिकल कॉलेज और तंजीमों में पीपीई किट आपूर्ति का जिम्मा यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन को सौंपा गया था. जिसको लेकर ग्रेटर नोएडा में मौजूद गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (GIMS) के डायरेक्टर और मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने पीपीई किट की क्वालिटी पर सवाल खड़े किए हैं.
इस मामले को लेकर उन्होंने डीजी मेडिकल एजुकेशन डॉ. केके गुप्ता को ख़त लिखकर पीपीई क्वालिटी के बारे में शिकायत की. जिसके बाद मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल डॉ. केके गुप्ता ने पीपीई किट के उपयोग पर रोक लगा दी है और इन्हें जल्द से जल्द वापस लेने के निर्देश दिए हैं.
पीपीई किट को लेकर हिंदुस्तान की हुकूमत ने गाइडलाइंस जारी की हैं. जिसको लेकर डीजी मेडिकल एजुकेशन डॉ. केके गुप्ता ने आदेश जारी किया है कि पीपीई किट की सप्लाई में हिंदुस्तान की हुकूमत की गाइडलाइंस को सौ फीसद फॉलो किया जाए. उन्होंने केजीएमयू, एसजीपीजीआई, आरएमएल इंस्टीट्यूट, सैफई स्थित आयुर्विज्ञान संस्थान, नोएडा के जीआईएमसी, एसएससीएच संस्थान, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, मेरठ, झांसी, गोरखपुर, कन्नौज, जालौन, बांदा, बंदायू, सहारनपुर, आंबेडकरनगर, आजमगढ़, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर और अयोध्या मेडिकल कॉलेजों को ख़त लिखकर यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की पीपीई किट का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश दिए हैं.
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