नई दिल्ली: इंसान को खुद पर भरोसा, मजबूत इरादे और कुछ बड़ा करने का जज्बा हो तो हर मुश्किल को आसान बनाया जा सकता है. इसमें लड़के और लड़कियों में कोई फर्क नहीं है. देश की बेटियां भी इसे सही साबित कर रही हैं. जम्मू से 25 किलोमीटर दूर बड़ी बहरामना के गाँव स्मैलपुर की रहने बाली राधा चारक भी इन्ही में से एक हैं. पति की अचानक मौत के बाद उन्होंने वकालत छोड़ कर एयरफोर्स ज्वाइन करने का इरादा किया और अपनी मेहनत व लगन से इस कामयाबी को हासिल भी कर लिया.


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बड़ी बहरामना के गाँव स्मैलपुर की रहने बाली राधा चारक. अब तक की जिंदगी में बहुत सी मुश्किलों में गुजरी हैं. तीन बहन भाइयों में सबसे बड़ी राधा चारक की 2015 में एयरफोर्स में नॉन कमींशंड अफसर बूटा सिंह मन्हास से शादी हुई थी लेकिन तीन साल बाद ही हार्ट अटैक के सबब उनके शौहर का देहांत हो गया. शौहर के देहांत के वक्त राधा हाई कोर्ट में प्रेक्टिस करने के साथ ही जम्मू कश्मीर पुलिस में सब इंस्पेक्टर एग्जाम की भी तैयारी कर रही थी. शौहर की अचानक मौत ने उसकी दुनिया ही बदल दी. ऐसे नाजुक मौके पर भी उसने हिम्मत नहीं हारी और स्वर्गवासी शौहर की ब्लू यूनिफॉर्म पहनने का इरादा किया.


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शौहर के देहांत से पहले उसका सब इंस्पेक्टर बनने का इरादा था. हांलाकि बूटा सिंह मन्हास अक्सर उससे कहा करते थे कि उनकी ख्वाहिश है कि वो एयरफोर्स ज्वाइन करे. जिसके बाद सब इंस्पेक्टर के बजाए अब उसने एयरफोर्स ज्वाइन करने की तैयारी शुरू कर दी. एयरफोर्स कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की पहली कोशिश नाकाम रही लेकिन 2018 में टेस्ट स्क्रीनिंग में उसे कामयाबी मिली. दिन में कोर्ट में प्रेक्टिस और रात का वक्त एग्जाम की तैयारियों में सर्फ होने लगा. जिसका नतीजा ये निकला की 2019 में उसका एसएसबी में सलेक्शन हो गया. गुजिश्ता 18 दिसम्बर को हैदराबाद एयरफोर्स एकेडमी से ट्रेनिंग पूरी कर चुकी राधा आज फ्लाइंग अफसर बन चुकी है जिनकी पहली पोस्टिंग चंडीगढ़ में हुई है.


पोस्टिंग के बाद पहली बार भाई के साथ घर पहुंची राधा चारक को देखकर घर वाले जज्बाती हो गए. बेटी के सर पर एयरफोर्स की कैप और ब्लू यूनिफार्म देखकर सबकी आंखे भर आईं. मां ने माथे पर तिलक लगाकर बहादुर बेटी का स्वागत किया तो दादी ने मिठाई खिलाकर बलाएं ली. बाप की तो खुशी का ठिकाना नहीं था. फर्त जज्बात में बाप ने बेटी को सैल्यूट कर उसका स्वागत किया. बेटी ने भी मां-बाप को सैल्यूट कर उनको सलामी दी. राधा का मासूम बेटा भी पीछे नहीं रहा. राधा चारक ने अपने बेटे के भविष्य के लिए ज्यादा नहीं सोचा है लेकिन उसे यकीन है कि उसका बेटा भी मां-बाप और दादा-नाना की तरह फौज में दाखिल होकर देश की खिदमत करेगा.


राधा चारक, फ्लाइंग अफसर, इंडियन एयरफोर्स
राधा को फौजी जिन्दगी विरासत में मिली है. उसके पिता तरेसम सिंह चरक रिटायर्ड फौजी हैं. उसके नाना भी आर्मी अफसर थे. एयरफोर्स की ट्रेनिंग में राधा को अपने पिता से काफी मदद मिली. मुश्किल हालात में मिली बेटी की इस कामयाबी पर आज उनका सीना फख्र से चौड़ा हो गया है. वहीं मां के लिए बेटी को एयरफोर्स की वर्दी में देखना बेहद इमोशनल लम्हा था. बेटी को एयरफोर्स की वर्दी में देखकर उन्हें अपने दामाद की याद आती है लेकिन वो इस बात से खुश हैं कि राधा ने अनपे पति के ख्वाबों को पूरा कर दिया. शौहर की मौत से राधी की जिन्दगी में पैदा हुए गढ़े को पूरा नहीं किया जा सकता लेकिन पति के ख्वाबों को पूरा कर राधा ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजली जरूर पेश कर दी.


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