राफेल में अधिकतम भार 24500 किलोग्राम उठाकर उड़ने की क्षमता है. विमान में ईंधन क्षमता 17 हजार किलोग्राम है. यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है.
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नई दिल्ली: आज भारत का 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. ऐसे में आज राजधानी दिल्ली के राजपथ पर परेड निकल रही है. 26 जनवरी 1950 को हिंदुस्तान में संविधान लागू हुआ था इसी खास मौके पर हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. पहली बार राफेल विमान इस परेड में अपना दम दिखाने के लिए तैयार है. आइए जानते हैं इस विमान खासियतें
एक मिनट में करीब 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान
राफेल एक मिनट में करीब 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इससे भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण को गति मिलेगी. अभी तक भारतीय वायुसेना का मिग विमान अचूक निशाने के लिए जाना जाता था, लेकिन राफेल का निशाना इससे भी ज्यादा सटीक होगा.
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युद्ध के समय अहम भूमिका निभाने में सक्षम
ये युद्ध के समय अहम भूमिका निभाने में सक्षम है. हवाई हमला, जमीनी समर्थन, वायु वर्चस्व, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध ये सारी राफेल विमान की खूबियां हैं. तकनीक में उन्नत यह विमान हवाई निगरानी, ग्राउंड सपोर्ट, इन डेप्थ स्ट्राइक, एंटी-शर्प स्ट्राइक और परमाणु अभियानों को अंजाम देने में दक्ष है. इसमें मल्टी मोड रडार लगे हैं.
अधिकतम भार 24500 किलोग्राम उठाकर उड़ने की क्षमता
राफेल में अधिकतम भार 24500 किलोग्राम उठाकर उड़ने की क्षमता है. विमान में ईंधन क्षमता 17 हजार किलोग्राम है. यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है. इसे हर तरह के मिशन में भेजा जा सकता. 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी है. राफेल का वजन 10 टन है. वहीं अगर यह मिसाइल्स के साथ उड़ान भरता है तो इसका वजन 25 टन तक हो जाता है.
यह हवा से जमीन पर मार करने में भी सक्षम
150 किलोमीटर की दूरी तक इससे दागी जाने वाली मिसाइल दुश्मन की नजर में जल्दी से नहीं आती. साथ ही यह हवा से जमीन पर मार करने में भी सक्षम है. स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किलोमीटर है. राफेल की अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा और 3700 किलोमीटर तक मारक क्षमता. राफेल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है.
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अत्याधुनिक तकनीक से लैस
राफेल विमान अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं. राफेल लड़ाकू विमानों की कई खासियत हैं जिनकी वजह से दुश्मन इससे घबराया हुआ है. राफेल लड़ाकू विमान का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है, साथ ही ये दो इंजन वाला विमान है. राफेल में हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल, हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल और हैमर मिसाइल लगाई जा सकती हैं. यह एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है.
राफेल स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है. यानी यह दुश्मन के रडार को चकमा देने के ताकत रखता है. साथ ही इसे इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि यह हिमालय के उपर भी उड़ान भर सकता है. बता दें कि हिमालय के उपर उड़ान भरने की काबिलियत अच्छे-अच्छे लड़ाकू विमानों में नहीं होती है.
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59 हजार करोड़ रुपये की डील
भारतीय वायुसेना को पिछले साल जुलाई में पांच राफेल मिले. चार साल पहले भारत की सरकार ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने के लिए 59 हजार करोड़ रुपये की डील की थी. पिछले साल नवंबर में तीन और राफेल विमान भारत आए थे. राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की रक्षा कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने बनाया है भारत ने 23 साल बाद किसी देश से लड़ाकू विमान खरीदे हैं. भारत ने रूस से सुखोई फाइटर्स जेट्स खरीथे थे.
36 लड़ाकू विमानों को खरीदने का सौदा
केंद्र की NDA सरकार ने सितंबर 2016 में फ्रांस की कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 59 हजार करोड़ रुपये में 36 लड़ाकू विमानों को खरीदने का सौदा किया था.
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