फर्जी प्रमाण पत्र पर रिजर्वेशन का कोई उठा रहा है फायदा, तो ये खबर जरूर पढ़ लें
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बेटे को महंगे निजी स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए फर्जी ईडब्ल्यूएस पहचान पत्र बनाने के इल्जाम में एक शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः एक अमीर बाप को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे के फर्जी सर्टिफिकेट की बुनियाद पर अपने बच्चों को मशूहर स्कूल में तालीम दिलाने की चाहत ने मुश्किल में डाल दिया है. झूठी पहचान बनाने के लिए उस शख्स के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. हालांकि इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत कथित धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के एक मामले में व्यक्ति को अग्रिम जमानत दे दी है.

निजी स्कूल ने ही दर्ज कराया था मुकदमा 
एक निजी स्कूल की जानिब से एक शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें इल्जाम लगाया गया था कि उस शख्स ने अपने बेटे और पिता का नाम अवैध रूप से बदल दिया था और साथ ही आवासीय पता भी बदल दिया था और खुद को एक गरीब परिवार से दिखाने की कोशिश की. उसने बाजाब्ता 2019 में ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत नर्सरी कक्षा में बच्चे का दाखिला भी करा दिया था. इसके अलावा बच्चे का यहां के एक अन्य नामी निजी स्कूल में दाखिला कराया गया.

बच्चे को बाइक पर बैठाकर दूर कार में छोड़ता था एक शख्स 
पुलिस ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि कई मौकों पर बच्चे ने दूसरे नाम से पुकारे जाने पर ऐतराज जताया था, और सभी से उसे उसके असली नाम से बुलाने के लिए कहा और उसने उसके माता-पिता के असली नाम भी बताए. जांच के दौरान पता चला कि एक व्यक्ति नियमित रूप से बच्चे को स्कूल से बाइक से उसे कुछ दूरी तक ले जाता था जहां नाबालिग की कार खड़ी होती थीं और फिर उसे कार में उसके दिल्ली के पॉश इलाके में स्थित असली घर तक छोड़ दिया जाता था.

कोर्ट ने कहा, यह दंडनीय अपराध है या नहीं, सुनवाई का विषय है 
पुलिस ने कहा कि याचिकाकर्ता के बेटे के फर्जी दाखिले के कारण, एक वास्तविक ईडब्ल्यूएस श्रेणी का छात्र यहां के प्रतिष्ठित स्कूल में दाखिला पाने से वंचित रह गया. न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को वास्तविक के रूप में उपयोग करना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत यह दंडनीय अपराध है या नहीं, यह सुनवाई का विषय है.

कोर्ट आरोपी से कहा, देश छोड़कर न जाएं और अपना मोबाइल हमेशा ऑन रखें
अदालत ने कहा कि इस बात का संकेत देने के लिए कुछ भी नहीं है कि अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता से यह व्यक्ति न्याय से भाग जाएगा. अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी की हालत में, व्यक्ति को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा किया जाएगा और उसे निर्देश दिया कि वह देश छोड़कर न जाए और जब भी जरूरी हो निचली अदालत के सामने पेश हों. उच्च न्यायालय ने उस शख्स को यह भी निर्देश दिया कि वह अपना मोबाइल फोन हमेशा चालू रखे.

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