मोहन भागवत ने कहा कि ''यहां तक कि वीर सावरकर ने कहा था कि अगर हिंदू समुदाय एकजुट और संगठित हो जाता है तो वह भगवद् गीता के बारे में बोलेगा न कि किसी को खत्म करने या उसे नुकसान पहुंचाने के बारे में बोलेगा.''
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने धर्म संसद पर दिए गए बयान की आलोजना की है. उन्होंने कहा है कि हाल ही में 'धर्म संसद' में दिए गए बयान ''हिंदुओं के शब्द नहीं और हिंदुत्व का पालन करने वाले लोग उनके साथ कभी सहमत नहीं होंगे''.
मोहन भागवत नागपुर संस्करण की स्वर्ण जयंती के मौके पर लोकमत मीडिया समूह की तरफ से आयोजित एक व्याख्यान में 'हिंदुत्व और राष्ट्रीय एकीकरण' पर बोल रहे थे.
मोहन भागवत ने कहा कि ''यहां तक कि वीर सावरकर ने कहा था कि अगर हिंदू समुदाय एकजुट और संगठित हो जाता है तो वह भगवद् गीता के बारे में बोलेगा न कि किसी को खत्म करने या उसे नुकसान पहुंचाने के बारे में बोलेगा.''
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मोहन भागवत का यह बयान पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव से पहले आया है. इसके कई माने निकाले जा रहे हैं.
इससे पहले उत्तर प्रदेश में RSS की मुस्लिम इकाई मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने लोगों से कहा था कि वह उत्तराखंड में 'धर्म संसद' में मुसलमानों के खिलाफ दिए गए बयान की मुखालफत करते हैं. MRM ने कहा था कि, “उन्हें ऐसा लगता है कि धर्म संसद में की गई टिप्पणी किसी सभ्य समाज के लिए सही नहीं हैं.”
ख्याल रहे कि उत्तराखंड में पिछले दिनों 'धर्म संसद' नाम के एक प्रोग्राम में मुसलमानों के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण दिए थे. इसके बाद देश के कई बड़े नेताओं ने इसकी आलोचना की थी.
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