Saharanpur Minor Death: सहारनपुर के एक नाबालिग की महाराष्ट्र में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक का नाम गायब और जीवित व्यक्ति का नाम दर्ज था. इस फर्जीवाड़े ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर की और परिवार में हड़कंप मच गया.
Trending Photos
)
Saharanpur Minor Death: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की एक नाबालिग लड़की की महाराष्ट्र में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. मौत के बाद लड़के का पोस्टमार्टम कराया गया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसी अनियमितताएं थीं कि उसने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी. जिस व्यक्ति का पोस्टमार्टम किया गया था उसका नाम पोस्टमार्टम रिपोर्ट से गायब था और जिंदा व्यक्ति का नाम था. इस घटना के बाद हड़कंप मच गया है. परिवार वाले सदमे हैं.
दरअसल, सहारनपुर के बड़गांव थाना क्षेत्र के अंबेहटा मोहन गांव के रहने वाले साहिल के 15 वर्षीय छोटा भाई साहिब गांव के ही ठेकेदार मोबिन पुत्र यामीन के साथ काम करने महाराष्ट्र गया था. परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसलिए मां ने बेटे को काम पर भेज दिया था. साहिब के साथ गांव का ही एक युवक शाहनज़र पुत्र रियासत त्यागी भी गया था.
परिवार का ये आरोप
परिवार का आरोप है कि 1 अक्टूबर की शाम महाराष्ट्र स्थित धोलेरूबी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तीसरी मंजिल पर पैसों को लेकर साहिब और मोबिन के बीच झगड़ा हो गया. गुस्से में मोबिन ने साहिब को धक्का दे दिया, जिससे वह नीचे गिर गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि इसके बाद मोबिन ने साहिब के शव को अस्पताल ले जाने के बहाने परिवार से खाली कागजों पर अंगूठा लगवा लिया. बाद में जब परिवार ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया शुरू की, तो पता चला कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साहिब की जगह शाहनज़र का नाम है और वह जिंदा है.
SP ने दिया जांच का आदेश
इस गलती से अब स्थिति बेहद पेचीदा हो गई है. असली मृतक साहिब का डेथ सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहा है, जबकि जीवित शाहनजर को सरकारी रिकॉर्ड में 'मृत' घोषित कर दिया गया है. दोनों परिवार मंगलवार को एसएसपी सहारनपुर आशीष तिवारी के कार्यालय पहुंचे और ठेकेदार मोबिन के खिलाफ हत्या, धोखाधड़ी और दस्तावेजों में हेराफेरी के आरोप में शिकायत दर्ज कराई. मृतक की मां ने कहा कि मोबिन ने उनके बेटे को नौकरी का लालच देकर महाराष्ट्र भेजा था, लेकिन उसने धोखे से उसकी जान ले ली. एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ देवबंद को जांच सौंप दी है.