Jain Community Protest: झारखंड के ज़िला गिरिडीह स्थित जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ श्री सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार की तरफ़ से पर्यटन स्थल का ऐलान किए जाने की मुख़ालेफत में देशभर में जैन समाज के अनुयायियों द्वारा एहतेजाज किया जा रहा है. सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल के तौर पर नोटिफाई किए जाने पर देश-विदेश में मुज़ाहिरों का सिलसिला जारी है. सरकार के इस फैसले की मुख़ालेफत में राजस्थान के सांगानेर में अनशन करते हुए जैन मुनि सुज्ञेयसागर जी का निधन हो गया,इसके जैन धर्मावलंबियों का ग़ुस्सा और बढ़ गया है.पिछले एक हफ्ते से झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और दिल्ली में जैन मज़बह के लोग अपनी मांग को लेकर एहतेजाज कर रहे हैं 


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श्री सम्मेद शिखर पर सियासत तेज़
वहीं दूसरी ओर श्री सम्मेद शिखरमामले पर सियासत भी तेज़ हो गई है. झारखंड में सरकार का नेतृत्व करने वाली पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने इस तनाज़े को बीजेपी का 'पाप' क़रार दिया है.  दूसरी ओर बीजेपी का इल्ज़ाम है कि झारखंड की मौजूदा सरकार की ज़िद की वजह से लाखों-करोड़ों जैन धर्मावलंबियों की आस्था को चोट पहुंच रही है. इस मामले पर जैन अनुयायियों  का मानना है कि टूरिस्ट प्लेस का ऐलान होने से इस पाक जगह की पवित्रता भंग होगी. यहां लोग पर्यटन की नज़र से आएंगे तो मीट और शराब जैसी चीज़ों का इस्तेमाल बढ़ेगा और इससे जैन समाज के जज़्बातों को ठेस पहुंचेंगी, इसलिए इसे तीर्थस्थल रहने दिया जाए. 


सभी पहलुओं पर ग़ौर कर रही है सरकार: सीएम
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने साल 2021 में नई टूरिस्ट पॉलिसी का ऐलान किया और इसका गजट नोटिफिकेशन 17 फरवरी 2022 को जारी किया गया. इसमें पारसनाथ को धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर चिन्हित किया गया है. इस नोटिफिकेशन में धर्मस्थल की पवित्रता बरकरार रखते हुए इसके विकास की बात कही गई है. वहीं जैन समाज सम्मेद शिखर यानी पारसनाथ को टूरिस्ट प्लेस का ऐलान करने वाली इन सभी नोटिफिकेशन की मुख़ालेफत कर रहा है.झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का कहना है कि वे इस सिलसिले में सभी पहलुओं पर ग़ौर कर रहे हैं. 


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