संगीता श्रीवास्तव इसके पहले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के होम साइंस डिपार्टमेंट की अध्यशक्ष रही हैं. लगभग दो साल पहले ही उन्हें 'राजेंद्र प्रसाद उर्फ रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय' का वाइस चांसलर बनाया गया था.
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मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में मुस्तकिल (स्थाई) वाइस चांसलर (कुलपति) की तकर्रुरी हो गई है. इतवार की शाम प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के नाम पर मुहर लगा दी गई. इसके साथ ही 'पूरब के ऑक्सफोर्ड' कहे जाने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को पहली महिला वाइस चांसलर भी मिल गई. माना जा रहा है कि पीर को वह कार्यभार भी ग्रहण कर सकती हैं.
लंबे वक्त से खाली था ओहदा
गौरतलब है पिछले साल 31 दिसंबर को वाइस चांसलर प्रोफेसर रतनलाल हांगलू ने इस्तीफा दे दिया था. उन पर भ्रष्टाचार समेत तमाम बेज़ाब्तगियों (अनियमितताओं) के इल्ज़ाम लगे थे. उनके इस्तीफे के बाद से इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में तीन आरज़ी (अस्थाई) कुलपति बने लेकिन मुस्तकिल वाइस चांसलर की तकर्रुरी नहीं हो सकी थी. इतवार की शाम प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के नाम पर मुहर लगने के बाद यूनिवर्सिटी को मुस्तकिल वाइस चांसलर मिल गया.
बता दें कि प्रो. संगीता श्रीवास्तव इसके पहले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के होम साइंस डिपार्टमेंट की अध्यशक्ष रही हैं. लगभग दो साल पहले ही उन्हें 'राजेंद्र प्रसाद उर्फ रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय' का वाइस चांसलर बनाया गया था. वहीं, अब संगीता श्रीवास्तव की एक बार फिर से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर के तौर पर वापसी हुई है.
पहली महिला वाइस चांसलर
जानकारी के मुताबिक, प्रो. संगीता श्रीवास्तव इलाहाबाद विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद पहली महिला वाइस चांसलर बनी हैं. उनके पहले तीन कुलपति तकर्रुर (नियुक्त) हुए हैं. बता दें, प्रो. संगीता श्रीवास्तव के पति जस्टिस विक्रमनाथ इस वक्त में गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं.
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