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कभी PM मोदी के कट्टर आलोचक रहे पूर्व IAS टॉपर शाह फैसल भी हुए उनके मुरीद, जानें पूरा मामला

साल 2009 में आईएएस (IAS) की परीक्षा टॉप करने वाले पूर्व नौकरशाह शाह फैसल (Shah Faesal) एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जो बातें कही हैं उसकी वजह से चर्चा का मौजू बने हुए हैं.

कभी PM मोदी के कट्टर आलोचक रहे पूर्व IAS टॉपर शाह फैसल भी हुए उनके मुरीद, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली: साल 2009 में आईएएस (IAS) की परीक्षा टॉप करने वाले पूर्व नौकरशाह शाह फैसल (Shah Faesal) एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लेकर जो बातें कही हैं उसकी वजह से चर्चा का मौजू बने हुए हैं. दरअसल शाह फैसल ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. 

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पूर्व IAS शाह फैसल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कोविड वैक्सीनेशन के प्रोग्राम की जमकर तारीफ की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "यह सिर्फ एक वैक्सीनेशन प्रोग्राम से कहीं ज्यादा बढ़कर है. यह अच्छे शासन, मानव संपदा निर्माण, राष्ट्र निर्माण के साथ भारत के विश्व गुरु बनने की दिशा तय करने वाला है."

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दरअसल, फैसल ने प्रधानमंत्री मोदी के उस वीडियो ट्वीट को रिट्वीट करते हुए यह बातें कहीं जिसमें वह अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोविड वैक्सीन लगवाने वाले हेल्थ वर्कर्स से बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने उनसे टीकाकरण के बाद के अनुभवों के बारे में जानकारी ली. शाह फैसल के इस ट्वीट के बाद कुछ लोग उनको जमकर ट्रोल भी कर रहे हैं तो कुछ उनकी तारीफ भी कर रहे हैं. 

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कौन हैं शाह फैसल
शाह फैसल साल 2009 के सिविल सर्विस एग्जाम (Civil Service Exam) में टॉप करने के बाद पहली बार चर्चा में आए थे. उनके चर्चा में आने की वजह यह टॉपर रहना तो थी ही लेकिन एक वजह यह भी थी कि वो जम्मू-कश्मीर से थे. जहां से हाल के वर्षों में किसी का चयन आईएएस के लिए नहीं हो रहा था. इसके बाद वह 9 जनवरी 2019 को फिर से चर्चा में आए, जब उन्होंने कश्मीरियों पर अत्याचार के विरोध में सिविल सर्विसेज छोड़ने का ऐलान कर दिया. इस दौरान उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर भी कई सवाल खड़े किए थे. 

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2019 में बनाई थी अपनी पार्टी
इस्तीफा देने के बाद फिर 4 फरवरी, 2019 को अपनी पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (JKPM) लॉन्च की थी. उन्होंने अपने आबाई नगर कुपवाड़ा में एक जबरदस्त भाषण से अपनी सियासी जिंदगी का आगाज कर दिया था. इस दौरान उन्होंने अपनी करीब दस साल की नौकरी को 'दस साल जेल में बिताने' जैसा बता दिया था. उन्होंने कहा था कि बार-बार कर्फ्यू के आदेश देना, लोगों को जबरन जेल में ठूंसने के आदेश देते हुए वो थक गए थे. हालांकि किन्हीं वजहों के चलते वो ज्यादा दिन इस पार्टी का नेतृत्व नहीं कर सके और अगस्त 2020 में उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था.

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धारा 370 हटने पर की थी सरकार की आलोचना
अगस्त 2019 में जब केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के खास दर्जे को खत्म किया था तो उस वक्त जम्मू-कश्मीर की कई बड़ी हस्तियों को नजरबंद किया गया था. नजरबंद किए जाने वालों में शाह फैसल भी शामिल थे. फैसल जम्मू-कश्मीर का खास दर्जा खत्म किए जाने पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की थी. 

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