इससे पहले आज ही वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस (Biman Bose) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हम भाजपा और टीएमसी को हराने के लिए कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव काफी रोचक होने वाले हैं. क्योंकि अब इस दंगल में बाहरी पार्टियों ने अपनी शिरकत दर्ज करा दी है. ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के बाद शिवसेना (Shiv Sena) भी बंगाल में चुनाव लड़ने जा रही है. इसकी जानकारी खुद पार्टी के सीनियर नेता संजय राउत ने दी है.
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संजय राउत ने ट्वीट करते हुए कहा, "पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा के बाद, शिवसेना ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. हम जल्द ही कोलकाता पहुंच रहे हैं." बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन (महाराष्ट्र विकास अघाड़ी) की सरकार चल रही है.
So, here is the much awaited update.
After discussions with Party Chief Shri Uddhav Thackeray, Shivsena has decided to contest the West Bengal Assembly Elections.
We are reaching Kolkata soon...!!
Jai Hind, জয় বাংলা !
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 17, 2021
भाजपा को हो सकता है नुकसान
किसी भी राज्य के चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को भाजपा के लिए फायदेमंद करार दिया जाता है. क्योंकि AIMIM भाजपा के खिलाफ लड़ने वाली पार्टियों के कुछ वोट अपने पाले में कर लेती है. अब बंगाल चुनावों में शिवसेना के आ जाने से भाजपा को नुकसान हो सकता है. क्योंकि भाजपा और शिवसेना दोनों ही पार्टियों की छवि हिंदूवादी पार्टी के तौर पर है. ऐसे में शिवसेना के चुनाव में उतरने से वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है. जिसका फायदा ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को मिल सकता है.
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इससे पहले आज ही वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस (Biman Bose) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हम भाजपा और टीएमसी को हराने के लिए कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा,"पश्चिम बंगाल को धार्मिक ध्रुवीकरण से बचाने के लिए हम भाजपा और टीएमसी के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हमारे (कांग्रेस और वाम मोर्चा) बीच कोई गलतफहमी नहीं है. हालांकि सीट बंटवारे पर चर्चा अभी बाकी है."
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TMC ने कहा कांग्रेस हमारे साथ आए
वहीं टीएमसी के एक नेता सौगत राय ने भी कहा था कि अगर वाम मोर्चा और कांग्रेस हकीकत में भाजपा के खिलाफ हैं तो उन्हें भाजपा के खिलाफ लड़ाई में ममता बनर्जी का साथ देना चाहिए. सौगत राय के इस बयान के बाद कांग्रेस के सीनियर नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा,"ममता बनर्जी को कांग्रेस के साथ आना चाहिए क्योंकि भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प नहीं है. अगर वे ऐसा महसूस कर सकते हैं तो उन्हें कांग्रेस के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल होना चाहिए. कांग्रेस ने भाजपा और उसके पूर्वजों का सामना करके इस राष्ट्र में 100 साल तक धर्मनिरपेक्षता बरकरार रखी थी."अधीर रंजन ने कहा कि उन्हें लगा कि कांग्रेस के बिना उनका टिकना मुश्किल होगा. वे कांग्रेस की मदद से सत्ता में आए लेकिन कांग्रेस जैसी पार्टी को पश्चिम बंगाल में कमजोर किया जाएगा तो दूसरी ओर साम्प्रदायिक (Communal) पार्टी बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा.
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