शिवसेना ने पूछा- क्या स्टूडेंट्स की जान पर खेल कर लिए जाएंगे JEE-NEET एग्ज़ाम?
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शिवसेना ने पूछा- क्या स्टूडेंट्स की जान पर खेल कर लिए जाएंगे JEE-NEET एग्ज़ाम?

सामना ने आगे लिखा कि सूबे में इम्तिहान लिए बगैर स्टूडेंट्स को आगे नहीं भेजा जा सकता, ऐसा अदालत का कहना है.

फाइल फोटो.
फाइल फोटो.

नई दिल्ली: अपने तीखे तेवरों के जानी जानी वाली महाराष्ट्र की पार्टी शिव सेना ने एक बार फिर मुखपत्र सामना में भारतीय जनता पार्टी और सुप्रीम कोर्ट पर हमला बोला है. सामना में लिखा है कि आज भी स्कूल, कॉलेज और तालीमी इदारे बंद हैं. सीधी-सी बात थी कि बच्चों की जान बचाएं या इम्तिहान लें? सुप्रीम कोर्ट ने अब साफ कर दिया है कि इम्तिहान होकर रहेंगे! इम्तिहान की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है लेकिन इम्तिहान लेने ही होंगे. 

सामना ने आगे लिखा कि सूबे में इम्तिहान लिए बगैर स्टूडेंट्स को आगे नहीं भेजा जा सकता, ऐसा अदालत का कहना है. यह गलत नहीं है लेकिन सूबाई हुकूमत भी कुछ अलग कहां कह रही थी? फिलहाल इम्तिहान लेना मुश्किल है. 

कोरोना की वजह से मुल्क की मईशत चरमरा गई है. इसमें स्टूडेंट्स और तालीमी शोबे भी शामिल हैं. मुल्क के वज़ीरे तालीम कहते हैं, ‘किसी भी कीमत पर इम्तिहान लिए जाएं. ऐसी स्टूडेंट्स और वालिदैन की मांग है.’ अब किसी भी कीमत पर मतलब क्या? स्टूडेंट्स, टीचर और मुलाज़िमीन की जान की कीमत पर क्या? इसका खुलासा मुल्क के वज़ीरे तालीम को करना ही चाहिए. 

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