संजय राउत ने लिखा है, 'कश्मीरी पंडित भी भूमिपुत्र हैं, उन्हें भी अपने घर से निकाला गया था और अपने ही मुल्क में उनके साथ उन्हें अलग तरह से तजरबा करवाया गया था.
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लखनऊ/मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) से मुखपत्र सामना (Saamana) में योगी हुकूमत (Yogi Government) का मवाज़ना हिटलरशाही से किया गया है. जबकि मुहाजिर मज़दूरों के घर वापसी को कश्मीरी पंडितों के 1990 के मज़हबी पलायन से जोड़कर बताया गया है. सामना में सूबे के मज़दूरों की नाज़ुक हालात को लेकर ये इदारती आर्टिकल में लिखा गया है. इसके एडीटर शिवसेना लीडर संजय राउत (Sanjay Raut) हैं.
संजय राउत ने लिखा है, 'कश्मीरी पंडित भी भूमिपुत्र हैं, उन्हें भी अपने घर से निकाला गया था और अपने ही मुल्क में उनके साथ उन्हें अलग तरह से तजरबा करवाया गया था. कश्मीरी पंडितों के इस दुख पर आज तक सियासत होती रही है. आज मुल्क में पांच से 6 करोड़ मुहाजिर मज़दूर उसी तरीके से ज़िंदगी गुज़ानरे को मजबूर हैं, जहां पर पेट पालने के लिए काम करते थे, अब वहां उनके लिए काम बचा नहीं है. इसी वजह से उन्होंने अपने घर की जानिब हिजरत शुरू करदी.'
आर्टिकल में आगे लिखा, 'ये सभी लोग पैदल चलकर निकले, बहुत सारे लोगों की मौत भी हो गई. इसे सभी ने खुली आंखों से देखा, जिन्हें हिटलर के जुल्म को लेकर गुस्सा है. जैसे हिटलर ने यहूदियों के साथ धोकादही की थी, मारा और दुःख दिया. उसने (सूबाई हुकूमत पर निशाना साधते हुए कहा) मुहाजिर मज़दूरों के लिए क्या किया है.'
आर्टिकल में संजय राउत ने आगे लिखा कि हुक्मरान भी अपनी लोगों की फिक्र करते हैं. अगर मज़दूरों की ये तस्वीरें भी सूबाई हुकूमत को बेचैन नहीं करतीं तो कोरोना की वजह से इंसानियत का ही खात्मा हो गया है. वाराणसी में पीएम मोदी जी 4 सफ़ाई मुलाज़िमीन के पांव धोते हुए इंसानियत की तस्वीर दिखाई थी, अब वो इंसानियत पिछले तीन महीने से गायब हो गई है क्या? हालांकि इस आर्टिकल में कहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ नाम नहीं लिया गया है लेकिन इशारों ही इशारों में उन पर मुहाजिर मज़दूरों को लेकर हमला बोला गया है.
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