कहा जाता है कि गुजिश्ता कुछ सालों के दौरान सिराज उल उलूम के 13 स्टूडेंट्स ने कई दहशतगर्द तंजीम (आतंकवादी संगठन) ज्वाइन किया है.
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नई दिल्ली: नीट 2019 के नतीजों में इस दफा कश्मीर के भी कई नौजवानों ने उम्दा कारकरदगी की है. इनमें पुलवामा के बासित बिलाल, शोपियां के रिज़वान सलीम, नोशारा दाचिनपुरा के कैसर गुलजार, कुपवाड़ा के हाफिज फैजान उल इस्लाम के अलावा गुलमर्ग के दो जुड़वां भाई शाकिर और गौहर भट भी शामिल हैं.
बासित बिलाल ने नीट इम्तेहान में 96 फीसद नंबर हासिल किया है. 18 साल के बासित बिलाल ने 720 में से 695 नंबर हासिल किये हैं. बासित के मां-बाप का ताल्लुक पुलवामा जिले के रत्नीपोरा के नरवा गांव से है. जुनूबी कश्मीर का ये वो इलाका है जो अलहेदगी पसन्द तहरीक का गढ़ कहा जाता है. यहां के नौजवानों को मेन स्ट्रीम में लाने के लिए सरकारी सतह पर कई प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. पुलिस और फौज की तरफ से भी इस सिम्त में कोशिश की जा रही है. इन कोशिशों का ही नतीजा है कि पुलवामा और शोपियां के नौजवान नीट जैसे प्रेस्टेजियस और मुश्किल इम्तेहानात में अच्छे नम्बरों से कामयाबी हासिल कर रहे हैं.
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नीट 2019 में जुनूबी जिले शोपियां के रिजवान सलीम ने भी कामयाबी हासिल की है. शोपियां के दूर दराज़ के इलाके से ताल्लुक रखने वाले रिजवान ने 615 नम्बर हासिल किए हैं. रिजवान के वालिद मोहम्मद सलीम. सीएपीडी में लोवर ग्रेड के मुलाजिम हैं. चार बहनों के इकलौते भाई रिजवान की कामयाबी पर रिश्तेदारों और पड़ोसियों के अलावा इलाके में तैनात हिन्दुस्तानी फौज के अहलकारों ने भी रिजवान और उसके घर वालों को मुबारकबाद दी. 44 राष्ट्रीय रायफल इमाम साहेब कैम्प के कम्पनी कमांडर खुद मोहम्मद सलीम के घर आए और उन्हें मुबारकबाद दी.
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मोहम्मद सलीम ने रिजवान की कामयाबी पर अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए कहा कि मेहनत और लगन के सबब ही उसे ये मकाम हासिल हुआ है. नीट 2019 के नतीजों में शोपियां के सिराज उल उलूम के दो स्टूडेंट कैसर गुलजार और हाफिज फैजान उल इस्लाम ने भी कामयाबी हासिल की है. नोशारा दाचिनपुरा के रहने वाले कैसर गुलजार और कुपवाड़ा के हाफिज फैजान उल इस्लाम, सिराज उल उलूम के ही तरबियत याफ्ता है. यहीं रहकर उन्होंने नीट की तैयारी की.
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नतीजों के एलान के बाद इदारे की तरफ से दोनों को एजाज में एक प्रोग्राम किया गया. जिसमें दोनों की कामयाबी पर खुशी का इजहार करते हुए उनके बेहतर मुस्तकबिल की दुआ की गई. इस मौके पर सिराज उल उलूम के चेयरमैन ने कहा कि कैसर और फैजान की कामयाबी उन लोगों को जवाब है जो इदारे पर दहशतगर्दी को फरोग देने का इल्जाम लगा रहे हैं. इन इल्जामात के सबब ही सिराज उल उलूम. हालिया के दिनों में हिफाजती दस्तों के रडार पर है. कहा जाता है कि गुजिश्ता कुछ सालों के दौरान सिराज उल उलूम के 13 तलबा ने मुख्तलिफ दहशतगर्द तंजीम ज्वाइन किया है.
ऐसी भी खबरे हैं कि पुलिस ने सिराज उल उलूम के तीन टीचर्स को भी पीएसए के तहत हिरासत में लिया है जबकि कई और टीचर्स ऐसे हैं जिन पर हिफाज़ती दस्तों की नज़र है. हांलाकि सिराज उलूम के चेयरमैन यूसुफ मंटो ने इन तमाम इल्जामात की तरदीद की है. फैजान और कैसर इन इल्जामात पर बराहे रास्त तब्सरा करने से इंकार कर दिया लेकिन उनका कहना है कि दीनी और अस्री तालीम के लिहाज से सिराज उल उलूम एक मिसाली एदारा है.
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