बता दें कि आज CWC मीटिंग में काफी उठा-पटक देखने को मिली. सबसे पहले खबर आई कि सोनिया गांधी ने अपने ओहदे से इस्तीफा देने की पेशकश की थी.
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नई दिल्ली: कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में फैसला लिया गया है कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ही कांग्रेस पार्टी की उबूरी सद्र बनी रहेंगी.
बता दें कि आज CWC मीटिंग में काफी उठा-पटक देखने को मिली. सबसे पहले खबर आई कि सोनिया गांधी ने अपने ओहदे से इस्तीफा देने की पेशकश की थी. उसके बाद ज़राए से खबर मिली कि राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को खत लिखने वाले 23 लीडरान से नाराज़गी इज़हार किया और उनके खत भेजने के वक्त पर ऐतराज़ जताया.
राहुल गांधी का कहना था कि यह खत उस वक्त क्यों भेजा गया जब सोनिया गांधी अस्पताल में दाखिल थीं जबकि दूसरी जानिब पूरी पार्टी राजस्थान में हुकूमत बचाने में मसरूफ थी. इसके अलावा कपिल सिब्बल ने पहले ट्वीट करते हुए माहौल गरम कर दिया कि राहुल गांधी ने खत भेजने वाले कुछ लीडरों पर भाजपा से मिलीभगत का इल्ज़ाम लगाया है.
हालांकि कपिल सिब्बल ने कुछ देर बाद अपने इस ट्वीट के वापस ले लिया और कहा कि राहुल गांधी के ज़रिए ज़ाती तौर पर बताया गया है कि उन्होंने ऐसे कुछ भी नहीं कहा है. इसलिए मैं अपना ट्वीट वापस लेता हूं.
इसके अलावा खबर यह भी थी कि राहुल गांधी की इस बात पर सीनियर लीडर गुलाम नबी आज़ाद भी नाराज़ हो गए थे और उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर उनपर इल्ज़ामात साबित होते हैं तो वो पार्टी के सभी ओहदों से इस्तीफा दे देंगे.
दरअसल गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल, वीरप्पा मोइली और मनीष तिवारी समेत 23 दिग्गज कांग्रेस लीडरों ने सोनिया गांधी को सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले एक खत लिखा था. इस खत में पार्टी कयादत पर सवाल खड़े करते हुए इन नेताओं ने एक मुस्तकिल सद्र की मांग की है जो न सिर्फ काम करता नज़र आए, बल्कि असल में ज़मीन पर उतरकर काम करे भी.
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