सोनू सूद, सहयोगियों के 28 ठिकानों की तलाशी, एक्टर के खिलाफ 20 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का सुराग
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सोनू सूद, सहयोगियों के 28 ठिकानों की तलाशी, एक्टर के खिलाफ 20 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का सुराग

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने सूद पर विदेशों से चंदा जुटाने के दौरान फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) की खिलाफ वर्ज़ी का भी आरोप लगाया.

Sonu Sood, File Photo

नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने शनिवार को इलज़ाम लगाया कि एक्टर सोनू सूद और उनके सहयोगियों ने 20 करोड़ रुपए की टैक्स की चोरी की है. बोर्ड ने यह भी आरोप लगाया कि जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनके और उनसे जुड़े लखनऊ स्थित एक अवसंरचना समूह के परिसरों पर छापा मारा, तो यह पाया गया कि उन्होंने अपनी 'बेहिसाब आमदनी को कई फर्जी इदारों से फर्जी गैर-महफूज़ कर्ज के रूप में' दिखाया.

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने सूद पर विदेशों से चंदा जुटाने के दौरान फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) की खिलाफ वर्ज़ी का भी आरोप लगाया. अभिनेता ने पिछले साल कोविड-19 महामारी के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचने में मदद कर सुर्खियां बटोरी थीं.

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने 48 वर्षीय अभिनेता और लखनऊ स्थित कारोबारी समूह के परिसरों पर 15 सितंबर को छापे मारे थे और सीबीडीटी ने बताया कि छापेमारी अभी जारी है.  सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, 'अभिनेता और उनके सहयोगियों के परिसरों की छापेमारी के दौरान कर चोरी से संबंधित सबूत मिले हैं.'

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बोर्ड ने कहा, 'अभिनेता की तरफ से अपनाई जाने वाली मैन ऑपरेटिंग सिस्टम यह थी कि वह अपनी बेहिसाब आय को कई फर्जी संस्थाओं से फर्जी असुरक्षित ऋण के रूप में तब्दील करते थे.'

बयान में बताया गया कि अब तक इस तरह की 20 प्रविष्टियों के उपयोग की जानकारी मिली है और जांच के दौरान इनके प्रदाताओं ने 'फर्जी' प्रविष्टियां (खातों में लेनदेन प्रविष्टियां) मुहैया कराने की बात स्वीकार की है.

इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक, जांच की इसी कड़ी में लखनऊ में सोनू सूद के करीबी कारोबारी की इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप के कई ठिकानों पर भी रेड की गई. सोनू सूद ने भी इस ग्रुप के कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट किया हुआ है, जिससे हुई कमाई को छिपाने के आरोप भी उन पर लगे हैं. तफ़्तीश में पता चला है कि ये ग्रुप भी बोगस बिलिंग के जरिए करोड़ो रूपए का हेर फेर कर चुका है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग को ऐसे करीब 65 करोड़ रूपये के हेर फेर से जुड़े कागजात बरामद हुए हैं. साथ ही पता चला है कि करोड़ो रूपये का कैश और डिजिटल ट्रांसजेक्शन भी इस इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप ने किया है, जिसको एकाउंट बुक पर नहीं दिखाया गया. 175 करोड़ रुपये इस कंपनी ने जयपुर की एक फर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप में भी इन्वेस्टमेंट दिखाकर कर चोरी की कोशिश की है.
(इनपुट- भाषा के साथ भी)

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