देश की राजधानी नई दिल्ली में नए संसद भवन, केंद्री मंत्रालयों के लिए सरकारी इमारतें, उप राष्ट्रपति के लिए नए इनक्लेव, प्रधान मंत्री दफ्तर और रिहाइश समेत कई तामीराती किए जाने हैं. जिसका नाम सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रखा गया है.
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नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी हुकूमत का मंगल के रोज़ सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दरअसल कोर्ट ने आज सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट को चुनौती देने वाली अर्ज़ियों पर सुनवाई करते हुए प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने 2-1 की बहुमत से यह फैसला सुनाते हुए कहा कि बैंच सरकार को इस योजना के लिए मंज़ूरी दे रही है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर को अर्ज़ियों पर सुनवाई करते संसद भवन की तामीर को मंजूरी दी थी.
जिसके बाद वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी ने 10 दिसम्बर को नए संसद भवन की संगे बुनियाद रखा था. इस दौरान सभी मज़हब (हिन्दू, सिख, ईसाई, मुस्लिम, बौद्ध, यहूदी, जैन और अन्य मज़हब) के रहनुमा मौजूद रहे, जिन्होंने अपने अपने अकीदे के मुताबिक दुआ की.
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क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
देश की राजधानी नई दिल्ली में नए संसद भवन, केंद्री मंत्रालयों के लिए सरकारी इमारतें, उप राष्ट्रपति के लिए नए इनक्लेव, प्रधान मंत्री दफ्तर और रिहाइश समेत कई तामीराती किए जाने हैं. जिसका नाम सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रखा गया है. परियोजना का काम कर रहे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने अंदाज़न लागत को 11,794 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 13,450 करोड़ रुपये कर दिया है.
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ऐसा होगा नया संसद भवन
इस भवन में आला क्वॉलिटी (उच्च गुणवत्ता) वाली आवाज, ऑडिया विजुअल फैसिलिटी, बैठने के लिए आरामदायक इंतेज़ाम होगा. इमारत में हिफाज़त के लिए आला और बेहतरीन पैमानों का इस्तेमाल किया जाएगा. भवन में संविधान हॉल शामिल है जो आम जनता के लिए खुला होगा. साथ ही लाइब्रेरी, कई मीटिंग हॉल, इमरजेंसी एग्ज़िट की सहूलत होगी. यह इमारत भूकंपरोधी होगी.
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नया भवन 64500 स्क्वायर मीटर में चार मंजिला बनेगा जिसकी कुल खर्च 971 करोड़ रुपये बताया जा रहा है. नए भवन में लोकसभा हाउस में कुल 888 मेंबरों के बैठने की सलाहियत होगी, वहीं ज्वाइंट सेशन में इसे 1224 मेंबरों तक बढ़ाने का ऑप्शन भी रखा जाएगा.
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वहीं अगर राज्यसभा की बात करें तो कुल 384 में बैठ सकेंगे और मुस्तबिल को ध्यान में रखते हुए इसमें भी जगह बढ़ाने का ऑप्शन रखा जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि 2024 तक यह बन कर तैयार हो जाएगी. फिलहाल लोकसभा हाउस में कुल 543 तो राज्यसभा में 245 मेंबर बैठ सकते हैं.
लोकसभा सैक्रट्रेट की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि नए संसद भवन का डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए तैयार किया गया है और इसकी तामीर टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा.
मौजूदा संसद भवन की बात करें तो इस बिल्डिंग को एक म्यूज़ियम के तौर पर रखा जाएगा और उसमें काम भी चलता रहेगा. लोकसभा स्पीकर ने बताया कि इस भवन ने मुल्क को बदलते देखा है, ऐसे में वो मुस्तकबिल के लिए सबक देता रहेगा.
बता दें कि भवन अंग्रेजों ने बनवाया था, 12 फरवरी 1921 को इसकी नींव रखी गई और 1927 में जाकर ये तैयार हुआ. इस बिल्डिंग को दुनिया के सबसे बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर देखा जाता है. तब इस भवन को बनाने में कुल 83 लाख रुपये का खर्च आया था.