Supreme Court on Wrestler Protest: महिला पहलवानों के मुद्दे पर कल तक खुद सुनवाई करने की बात कहने वाला सुप्रीम कोर्ट पीछे हट गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई को बंद कर दिया है, साथ ही कहा गया है कि FIR दर्ज कर ली गई है और शिकायत करने वाले 7 लोगों को सिक्योरिटी भी दे दी गई है. इसके अलावा भी आपकी कोई शिकायत है तो आप न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास जा सकते हैं. 


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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पहलवानों के वकील के ज़रिए एक मौखिक याचिका पर गौर करने से इनकार कर दिया कि चल रही जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड या काम कर रहे जज के ज़रिए की जानी चाहिए. अदालत की तरफ से कहा गया कि आप FIR दर्ज करने और शिकायतकर्ताओं के लिए सुरक्षा के लिए यहां आए थे. आपकी दोनों प्रार्थनाओं पर ध्यान दिया गया है. अब अगर आपको कोई और शिकायत है, तो आप हाई कोर्ट या न्यायिक मजिस्ट्रेट से संपर्क कर सकते हैं." इतना कहने के बाद जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने कार्यवाही को बंद कर दिया.


शुरुआत में, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो दिल्ली पुलिस का पक्ष अदालत में रख रहे थे, ने बेंच को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 28 अप्रैल के हुक्म के मुताबिक पुलिस के ज़रिए शिकायतकर्ताओं को खतरे की धारणा का आकलन किया गया था. उन्होंने बेंच को बताया कि नाबालिग शिकायतकर्ता के साथ-साथ छह अन्य महिला पहलवानों के लिए भी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.


बता दें कि ओलंपिक जैसे बड़े प्लेटफॉर्म में पुरस्कार जीतने वाले कई पहलवान जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, मांग कर रहे हैं कि सरकार WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाले एक इनवेस्टिगेशन पैलन जांच के नतीजों को पब्लिक करे. सात महिला पहलवानों के ज़रिए भाजपा सांसद के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ दो FIR दर्ज की हैं. पहलवानों ने जोर देकर कहा है कि जब तक सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे विरोध स्थल नहीं छोड़ेंगे.


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