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नई दिल्ली: 42 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर जारी किसानों के आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सवाल किया कि क्या प्रोटेस्ट के दौरान कोरोना नियमों का पालन किया जा रहा है? इसके बाद केंद्र सरकार के वकील ने नहीं में जवाब दिया.
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जिस पर चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने कहा कि अगर कोरोना नियमों का पालन नहीं किया गया तो नई दिल्ली में पिछले साल हुए तबलीगी जमात के तरह हालात हो सकते हैं. सरकार को बड़े पैमाने होने वाले जमावड़े को लेकर सरकार को खास हिदायात जारी करनी चाहिए.
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बता दें कि पिछले साल मुल्क में जब लॉकडाउन नाफिज़ हुआ था तो दिल्ली के निज़ामुद्दीन में सैंकड़ो तबीलीगी जमाती मौजूद थे. जो बाद में मुल्क अलग-अलग राज्यों में गए. इनमें से कुछ जमाती पॉजिटिव भी पाए गए थे. जिसके बाद से तबलीगी जमात लोगों के निशाने पर आ गई थी और कई अदालतों में जमातियों के खिलाफ केस भी दर्ज हुए. हालांकि ज्यादा तक अदालतों ने उन्हें बरी कर दिया है.
करीब डेढ़ महीने से जारी इस किसान प्रोटेस्ट को लेकर सरकार और किसानों के दरमियान 7 दौर की बातें हो गई हैं लेकिन अभी तक इत्तेफाक राए नहीं बन पाई. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
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