उच्चतम न्यायालय ने सपा विधायक आजम खान की जमानत से जुड़ी जौहर विवि की जमीन संबंधी शर्त पर रोक लगा दी है.
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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान की जमानत से जुड़ी इलाहाबाद हाईकोर्ट की उस शर्त पर रोक लगा दी है, जिसमें जौहर विश्वविद्यालय के एक हिस्से को ढहाने का उपबंध रखा गया था. खान ने अपनी याचिका में दावा किया था कि यह शर्त उनके जौहर विश्वविद्यालय के एक हिस्से को ढहाने से संबंधित है, जिसे कथित तौर पर शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके बनाया गया था.
जमानत की शर्त पहली नजर में असंगत
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत की शर्त पहली नजर में असंगत है और दीवानी अदालत की ‘डिक्री’ की तरह लगती है. सुप्रीम कोर्ट ने जौहर विश्वविद्यालय से संबंधित इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई जमानत शर्त को चुनौती देने वाली आजम खान की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब भी मांगा है.
मामले की सुनवाई छुट्टियों के बाद
आजम खान की तरफ से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि रामपुर के जिलाधिकारी ने एक नोटिस जारी कर विश्वविद्यालय की इमारतों को खाली करने व उन्हें गिराने की बात की है. पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई जमानत शर्तों पर रोक लगा रही है और अब मामले की सुनवाई छुट्टियों के बाद करेगी. उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई जमानत शर्त को चुनौती देने वाली खान की याचिका पर सुनवाई के लिए 24 मई को सहमति दी थी.
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