SC ने ज्ञानवापी मस्जिद केस का किया ट्रांस्फर; सुनवाई पूरी होने तक बहाल रहेगी मौजूदा व्यवस्था
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SC ने ज्ञानवापी मस्जिद केस का किया ट्रांस्फर; सुनवाई पूरी होने तक बहाल रहेगी मौजूदा व्यवस्था

जिला जज को 6 से 8 हफ्ते में सुनवाई पूरा करने का निर्देश दिया गया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट की सलेक्टिव लीक बंद होनी चहिए, रिपोर्ट सीधे कोर्ट में पेश होनी चहिए. 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः वारणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने दीवानी मुकदमे की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन) वाराणसी के पास से जिला जज (वाराणसी) को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है. इसके साथ कोर्ट ने कहा है कि जब तक जिला जज मामले का निपटारा नहीं करते है, सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा.यानी शिवलिंग' क्षेत्र की सुरक्षा और मुसलमानों को नमाज अदा करने की अनुमति से संबंधित पहले के निर्देश लागू रहेंगे. इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई थी.   डिस्ट्रिक जज उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया है कि मस्जिद में वज़ू के लिए जिला जज उचित व्यवस्था करने का आदेश देंगे. जिला जज को 6 से 8 हफ्ते में सुनवाई पूरा करने का निर्देश दिया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट की सलेक्टिव लीक बंद होनी चहिए, रिपोर्ट सीधे कोर्ट में पेश होनी चहिए. अगली सुनवाई  जुलाई के दूसरे सप्ताह में होगी.  

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट आने का ऑप्शन खुला है 
मस्जिद पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने प्लेस ऑफ वॉर्शिप कानून का हवाला दे कर निचली अदालत के आदेश पर सवाल उठाया. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अहमदी से कहा कि किसी धर्मिक स्थल के स्वरूप का पता करना तो इस एक्ट के मुताबिक प्रतिबंधित नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा किसी स्थान के धार्मिक चरित्र का निर्धारण धारा 3 के तहत वर्जित नहीं है. किसी समुदाय के धर्मिक प्रतीक किसी धार्मिक स्थान पर मिलना भारत में अनोखी बात नहीं है, ऐसे में धर्मिक स्वरूप का निर्धारण तो इस कानून के तहत गलत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अभी ट्रायल कोर्ट आपके आवेदन पर फैसला ले ले, अगर वह खरिज भी होता है तो आपके पास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट आने का ऑप्शन है.  

कोर्ट ने वजू की व्यवस्था कराने का दिया आदेश 
हुजैफा ने कहा कि कमीशन बनाना पक्षपातपूर्ण है, ट्रायल कोर्ट को यह जानकारी थी कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है उसके बावजूद सर्वे हुआ. हुजैफा ने कहा कि जहां वज़ू होता है उस जगह को सील किया हुआ है, वहां भारी सुरक्षा बल तैनात है, यह 500 साल के स्टेस्ट को बदलने जैसा है. अहमदी ने कहा कि हमें वज़ू की अनुमति नहीं है, पूरे इलाके को सील कर दिया गया है जहाँ वज़ू किया जाता है. अहमदी ने कहा वज़ूखाने के सिर्फ बीच के हिस्से को सुरक्षित रखा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमारे पास ऐसी कोई सामग्री फोटो या वीडियो नहीं है जिससे हम उसपर कुछ कह सके. इसपर तुषार मेहता ने कहा कि कमीशन की रिपोर्ट को मांगा कर देखा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जिला जज से कहेंगे कि वहां पर वज़ू की व्यवस्था बनाई जाए. यूपी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कहा वहां वज़ू की व्यस्था की गई है.

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