नाबालिग बेटी से पिता कर रहा था दुष्कर्म; बेटा और पत्नी की गवाही पर हुई मौत की सजा
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नाबालिग बेटी से पिता कर रहा था दुष्कर्म; बेटा और पत्नी की गवाही पर हुई मौत की सजा

दोषी पिता को मौत की सजा सुनाने के साथ ही 51 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. खास बात यह है कि ये फैसला मुकदमा शुरू होने के चार महीने के भीतर आया है.
 

अलामती तस्वीर

बहराइचः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बहराइच (Baharaich) जिले की एक अदालत ने नाबालिग बेटी ( Rape of Minor Daughter) से दुष्कर्म के दोषी पिता को मौत की सजा (Death Sentence to Rapist Father) सुनाने के साथ ही 51 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. खास बात यह है कि यह फैसला मुकदमा शुरू होने के चार महीने के भीतर आया है. विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता (POCSO ACT) संत प्रताप सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश (POCSO COURT FIRST) नितिन कुमार पांडेय ने कसूरवार को मौत की सजा सुनाई है.

दो सालों से दुष्कर्म कर रहा था पिता 
इस घटना की शिकायत पीड़ित बच्ची की मां ने दर्ज कराई थी और मुख्य गवाह पीड़िता का सगा भाई था. सिंह ने अभियोग के आधार पर बताया कि जिले के सुजौली थाना क्षेत्र निवासी नान्हू खां (40) अपनी 14 साला अपनी नाबालिग बेटी के साथ लगातार दो साल से दुष्कर्म कर रहा था. उन्होंने कहा कि इस दौरान उसने बच्ची का एक व्यक्ति से निकाह करा दिया था लेकिन निकाह के बाद भी उसे वापस अपने घर ले आया. 

रंगे हाथों पकड़ने के बाद मां ने दर्ज कराया मुकदमा 
पुलिस ने बताया कि गुजिश्ता अगस्त महीने में एक रात बच्ची की चीख सुनकर उसकी मां व भाई ने आरोपी को रंगेहाथ पकड़ लिया और तब बच्ची ने रोते हुए अपनी मां को आपबीती सुनाई. सिंह ने कहा कि बच्ची ने अपनी मां को बताया था कि उसका बाप उसे डरा-धमकाकर दो साल से दुष्कर्म कर रहा है और इसके बाद बच्ची की मां ने 25 अगस्त को सुजौली थाने में अपने पति के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म व पॉक्सो कानून सहित सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई.

त्वरित कार्रवाई के लिए केस में शामिल टीम के सभी लोगों का सम्मान 
विशेष शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता की मां, भाई व दो पड़ोसियों सहित तमाम गवाहों ने दोषी पिता के खिलाफ अदालत में अपनी गवाही दी. पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह ने इस मामले में त्वरित आरोपपत्र दाखिल करने वाली पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि चार महीने में अपनी पैरवी से दोषी को फांसी की सजा दिलाने वाले विशेष शासकीय अधिवक्ता (पॉक्सो कानून) संत प्रताप सिंह को जिला पुलिस द्वारा प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा. 

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