अनुसूचित जाति को `हरिजन’ बोलने पर है पाबंदी; अब दिल्ली सरकार ने लिया ये फैसला
दिल्ली के सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों और कालोनियों के नाम से ‘हरिजन’ शब्द हटाकर उसके स्थान पर ‘डॉ आंबेडकर’ लिखा जाएग.
नई दिल्लीः अनुसूचित जाति के लोगों के लिए ‘हरिजन’ संबोधन पर पहले से ही प्रतिबंध लगा है. इस शब्द के इस्तेमाल को अपमानजनक माना गया है. अब दिल्ली सरकार ने हरिजन नाम के गली-मोहल्लों के नाम भी बदलने की कवायद शुरू कर दी है. दिल्ली के सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों और कालोनियों के नाम से ‘हरिजन’ शब्द हटाकर उसके स्थान पर ‘डॉ आंबेडकर’ लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.
गौतम ने कहा कि ‘हरिजन’ शब्द के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य होगा. दिल्ली में विकासपुरी, पालम और कोंडली समेत कई हरिजन बस्तियां हैं और कालकाजी इलाके में हरिजन कॉलोनी नामक एक सड़क है.
संसदीय समिति ने दिया था सुझाव
गौतम ने कहा कि एक संसदीय समिति ने सुझाव दिया था कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सभी विभागों और राज्य सरकारों को ‘हरिजन’ शब्द इस्तेमाल नहीं करने की सलाह देते हुए ताजा दिशानिर्देश जारी करे. मंत्रालय ने अप्रैल 2018 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा था कि अनुसूचित जाति के लोगों को संबोधित करते समय ‘दलित’ और ‘हरिजन’ शब्द के इस्तेमाल से बचा जाए. मंत्रालय ने ‘अनुसूचित जाति’ शब्द और क्षेत्रीय भाषाओं में इसके अनुवाद का प्रयोग करने को कहा था.
'हरिजन’ की जगह ‘डॉ आंबेडकर’ लिखा जाएगा
गौतम ने कहा, “हम 2019 से इस दिशा में काम कर रहे हैं. दिल्ली एससी/एसटी/ओबीसी कल्याण विभाग ने शहरी विकास विभाग को पत्र लिखकर इस पर जोर दिया था कि यह एक अपमानजनक शब्द है और अनुसूचित जाति के लोग इसे पसंद नहीं करते. उन्होंने कहा, “हमारा प्रस्ताव है कि राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों और कॉलोनियों के नाम में ‘हरिजन’ शब्द हटाकर उसके स्थान पर ‘डॉ आंबेडकर’ लिखा जाए. कोविड-19 महामारी के कारण यह प्रक्रिया लंबित हो गई थी. मंत्री ने कहा कि उन्होंने कानून विभाग के अधिकारियों को 10 दिन के अंदर प्रक्रिया पूरी करने को कहा है, जिसके बाद एक नोटिफिकेशन जारी की जाएगी.
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