Gym beginners and trainer mistakes: कई लोग सिर्फ फिट रहने के लिए जिम करते हैं तो कुछ लोगों का गोल बॉडीबिल्डिंग होता है. इन्ही लक्ष्यों के हिसाब से आपको आपका ट्रेनर एक्सरसाइज और डाइट रेकामेंड करता है.
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नई दिल्ली: आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में एक्सरसाइज करना बेहद ज़रूरी होता जा रहा है. ऐसे में लोग जिम का रुख कर रहे हैं. कई लोग सिर्फ फिट रहने के लिए जिम करते हैं तो कुछ लोगों का गोल बॉडीबिल्डिंग होता है. इन्ही लक्ष्यों के हिसाब से आपको आपका ट्रेनर एक्सरसाइज और डाइट रेकामेंड करता है. एक अच्छे ट्रेनर की पहचान होती है कि वह अपने क्लाइंट का गोल जानें और उसके बाद ही एक्सरसाइज और डाइट रेकामेंड करें.
आज हम बात करने वाले हैं कि वह कौन सी चीज़ें हैं जो आपके ट्रेनर आपको गलत बता रहे हैं या आप खुद गलत कर रहे हैं. तो आइये जानते हैं.
1- हेवी वेट
बहुत से ट्रेनर लोगों को रेकामेंड करते हैं कि ज्यादा वजन उठाने से ही सिर्फ आपकी बॉडी बनेगी. ऐसा बिलकुल नहीं है, वज़न उतना ही उठाएं जितना सही तरह उठ सके, और आपकी बॉडी की फॉर्म खराब ना हो. मिसाल के तौर पर अगर आप 'बासेप्स कर्ल' करते हैं वक्त इतना वजन उठा लेते हैं कि आपकी पूरी बॉडी भी एक्सरसाइज के साथ हिलने लगती है, तो ऐसे में आप अपनेआप को चोटिल कर सकते हैं. आपको बता दें जैसे-जैसे आपको एक्सपीरियंस होता जाएगा वैसे-वैसे आपकी लिफ्टिंग पावर भी बढ़ती जाएगी. कोई भी काम एक रात में नहीं होता है!
2-प्रोटीन पाउडर
बहुत से जिम ट्रेनर जिम बिगिनर्स को प्रोटीन पाउडर खाने की सलाह देते हैं और दावा करते हैं कि अगर आप ये नहीं लेंगे तो आप बॉडी नहीं बना पाएंगे. ये बिलकुल गलत है.आमतौर पर किसी भी शुरूआत करने वाले इंसान की बॉडी कम प्रोटीन एबज़ोर्ब करती है. ऐसे में उसकी प्रोटीन की ज़रूरत सिर्फ डाइट से पूरी हो जाती है. मिसाल के तौर पर एक 70 किलोग्राम के इंसान के लिए शुरूआती वक्त में रोजाना 70 ग्राम प्रोटीन काफी है. आपको बता दें आम इंसान और बॉडी बिल्डर्स में फर्क होता है, क्योंकि उनकी प्रोटीन लेने की ज़रूरत आम इंसान से कहीं ज्यादा होती है. ऐसे में उन्हें प्रोटीन पाउडर लेना पड़ता है.
3- स्टेरॉइड
कुछ ट्रेनर्स लोगों को स्टेरॉइड रेकामेंड करते हैं, ताकि उनकी फिजीक जल्दी बन सके. आपको बता दें किसी भी इंसान को स्टेरॉइड देना जिम ट्रेनर की एक्सपरटीज में नहीं आता है. अगर वह ऐसा करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है. आमतौर पर स्टेरॉइड सिर्फ डॉक्टर्स रिकामेंड कर सकते हैं. जिन लोगों को बॉडीबिल्डिंग स्टेज पर परफोर्म करना होता है वो आमतौर पर इसका सेवन करते हैं. जान लें स्टेरॉइड के हार्ट अटैक, नपुंसक्ता, हार्ट स्ट्रोक और ब्रेन हैमरेज जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.
4- प्री वर्कआउट
बहुत से ट्रेनर्स जिम बिगनर्स को प्री वर्कआउट लेने की सलाह देते हैं, ताकि उनका एनर्जी लेवल बढ़ सके. ऐसे करना गलत नहीं है पर सही भी नहीं है. क्योंकि शुरूआती वक्त में किसी भी ट्रेनर के लिए यह ज़रूरी है कि वह अपने क्लाइंट का बेस मजबूत करे. आपको बता दें मार्केट में मौजूद प्रीवर्कआउट्स में कैफीन अच्छी मत्रा में होता है और इसके अलावा कई तरह के अमीनो एसिड होते हैं.
5- कीटो
कीटो एक तरह की डाइट होती है जो बहुत से ट्रेनर करने की सलाह देते हैं. यह एक तरह की डाइट है जो फैट लॉस के लिए करी जाती है. इस डाइट में वजन कम करने वाले शख्स की डाइट में फैट और प्रोटीन की मात्रा न बढ़ा दी जाती है और कार्बोहाइड्रेट को ना के बराबर दिया जाता है. ऐसे में बॉडी का बहुत तेजी से वजन घटने लगता है. अकसर जिम ट्रेनर लोगों को इस डाइट को लेने की सलाह देते हैं क्योंकि इस से रिजल्ट काफी तेजी से मिलते हैं. लेकिन आपको बता दें कि कीटो हर किसी के लिए नहीं होती है. यह ऐसी डाइट के जिस से आपको कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. जैसे किडनी डैमेज और कीटो फ्लू आदि.
6-डाइट
हर इंसान के लिए अलग डाइट काम करती है. अगर आपका ट्रेनर हर इंसान को एक ही तरह की डाइट दे रहा है तो वह गलत कर रहा है. किसी की भी डाइट उसके हाइट, वेट और उम्र के हिसाब से बनाई जाती है. आसान भाषा में समझें तो हर इंसान को अलग-अलग मात्रा में कैलोरीज की ज़रूरत होती है, और उसी हिसाब से एक न्यूट्रिशिनिस्ट या ट्रेनर डाइट चार्ट बनाता है.