संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदेश में भाजपा को वोट न करने की अपील की है और कहा है कि मतदाता भाजपा को सबक सिखाएं और उन्हें उनकी गलती की सजा देें.
Trending Photos
नई दिल्लीः तीन कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से पैदा हुई किसानों की दूरी अभी कम नहीं हुई है. किसान उत्तर प्रदेश के आगामी विधान सभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने के मूड में दिख रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदेश में भाजपा को वोट न करने की अपील की है और कहा है कि मतदाता भाजपा को सबक सिखाएं और उन्हें उनकी गलती की सजा देें. देशभर के 57 किसान संगठनों ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को लेकर एक आम सहमित बनी है, जिसमें तय किया गया है कि किसान संगठन प्रदेश में वोटर के नाम पत्र जारी करेंगे और किसान मोर्चा की अपील उन तक पहुंचाएंगे. उत्तर प्रदेश के संगठनों की मदद देशभर के किसान नेता करेंगे. जारी अपील में निम्न बातें कही गई है;
संयुक्त किसान मोर्चा का एसएएम के साथ कोई रिश्ता नही है. ट्रेंड यूनियन के साथ हमारा रिश्ता जारी रहेगा. कोई भी राजनैतिक व्यक्ति या दल मोर्चा का हिस्सा नही है.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा तो सुरक्षा है लेकिन 26 जनवरी को एक महिला के साथ जो घटना घटी है उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा को पंजाब में कोई खतरा नही था. उनके पास तक भाजपा के लोग पहुचे थे.
बजट में किसानों से बदला किया गया है. किसानों के साथ न्यूनतम ईमानदारी भी सरकार ने नहीं दिखाई है. किसानों को सरकार से दोगुनी आय, कृषि में बजट को बढ़ाना, न्यूनतम समर्थन मूल्य का दायरा बढ़ाने की उम्मीद थी लेकिन सभी योजनाओं में कमी की गई है.
अगर आंदोलनकारियों से दिक्कत है तो जेल भेज दो लेकिन किसानों से बदला न ले सरकार.
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में वोटर सरकार से सवाल करें. इसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने पर्चे के माध्यम से अपील की है. इस अपील में शामिल मुद्दों पर जनता नेताओ से सवाल करे.
प्रधानमंत्री जी उत्तर प्रदेश में 14 दिन में गन्ना भुगतान की बात करते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में गन्ना भुगतान 13 महीने में मिलता है.
मेरठ, झांसी, गोरखपुर, कानपुर, सिद्धार्थनगर, लखनऊ, बनारस, मुरादाबाद, इलाहाबाद में संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस काॅन्फ्रेंस कर पर्चा जारी करेगा.
Zee Salaam Live Tv