तीनों को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. इन्हें उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में गुजिश्ता साल यूएपीए कानून तहत गिरफ्तार किया गया था.
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नई दल्लीः दिल्ली दंगा मामले में महीनों से जेल में बंद देवांगना कलिता, नताशा नारवाल और जामिया के स्टूडेंट आसिफ इकबाल तन्हा को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगल को जमानत दे दी है. तीनों को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. इन्हें उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में गुजिश्ता साल यूएपीए कानून तहत गिरफ्तार किया गया था. फरवरी 2020 में दिल्ली में हुई हिंसा में 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है. हिंसा के दौरान कई दुकानों को फूंक दिया गया था और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. मुल्क में मुतनाज़ा एनआरसी और सिटीजनशिप लॉ को लेकर यह हिंसा हुई थी.
पासपोर्ट करना होगा सरेंडर
नताशा नारवाल और देवांगना कलिता, दिल्ली स्थित महिला अधिकार ग्रुप “पिंजरा तोड़’’ की मेंबर हैं जबकि आसिफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया का तालिब-ए-इल्म है. कोर्ट ने इन्हें जमानत देते हुए कहा है कि ये तीनों लोग अपना पासपोर्ट सरकार को सरेंडर करेंगे और ऐसी किसी भी गैरकानूनी अमल में शामिल नहीं होंगे जिससे मामले की तहकीकीत किसी भी तरह से मुतासिर होती हो.\
इम्तेहान में शामिल होने के लिए मिली थी रियायत
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मुल्जिम जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को दो हफ्ते की अंतरिम हिरासत-जमानत मंजूर की थी. छात्र को यह राहत 15 जून से होने जा रहे इम्तेहान के मद्देनजर दी गई थी. उसे पढ़ाई करने और परीक्षा में बैठने के लिए दो हफ्ते तक एक होटल में रहने की मंजूरी दी गई थी.
नताशा नारवाल को भी मिली थी जमानत
नताशा नारवाल को पिछले माह अपने वालिद महावीर नारवाल की मौत के बाद उनके आाखिरी रसूमात में हिस्सा लेने के लिए तीन हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था. महावीर, कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ सदस्य थे और कोरोना वायरस के संक्रमण में आने के कारण उनकी मौत हो गइ थी.
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