इस मामले में बीएमसी मेयर किशोरी पेडनेकर का कहना है कि इसके पीछे 2-3 वजह हैं. कोरोना मरीज़ों के रिश्तेदार उनकी बॉडी लेने जल्दी नहीं आते हैं. जो लाश घर है उसमें पहले से 15-16 बॉडी रखी होती हैं, तो ये बड़ा सवाल है कि नई बॉडी कहां रखें. ऐसे में बॉडी बाहर रखी जा रही हैं.
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महाराष्ट्र: मुंबई के सायन अस्पताल से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां पर कोरोना मरीज़ों का ईलाज मुर्दा लोगों के बीच हो रहा है. अस्पताल इंतेज़ामिया की इस बड़ी लापरवाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह वीडिया बीजेपी विधायक नितेश राणे और महाराष्ट्र असेंबली में अपोज़ीशल लीडर देवेंद्र फणनवीस ने ट्वीट किया था. वीडियो में देखा जा सकता है कि बेड पर काले प्लास्टिक कवर में लाशें रखी हुई हैं. उनके बीच ही मरीजों का इलाज चल रहा है. इस वीडियो में 4 लाशें दिखाई दे रही है.
देवेंद्र फणनवीस ने कहा है कि सायन अस्पताल की वारदात संगीन है. लाश के बगल में मरीज़ क इलाज कराना पड़ रहा है. यह बेहद संगीन मामला है. उन्होंने कहा कि मुंबई के लोगों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, ऐसा सवाल खड़ा हो रहा है. हुकूमत को इस पर फौरन गौर करना चाहिर. ऐसी वारदात दोबारा ना हो इसका ख्याल रखना चाहिए.
वहीं इस मामले में बीएमसी मेयर किशोरी पेडनेकर का कहना है कि इसके पीछे 2-3 वजह हैं. कोरोना मरीज़ों के रिश्तेदार उनकी बॉडी लेने जल्दी नहीं आते हैं. जो लाश घर है उसमें पहले से 15-16 बॉडी रखी होती हैं, तो ये बड़ा सवाल है कि नई बॉडी कहां रखें. ऐसे में बॉडी बाहर रखी जा रही हैं. इससे पहले जब कोरोना नहीं था, बॉडी 2-3 घंटे तक रखी जाती थी.
सायन अस्पताल का वीडियो वायरल मामले में जांच केमटी का कयाम किया गया है. सायन अस्पताल के डीन प्रमोद इंगले ने ये जानकारी दी है. जांच केमटी वीडियो की सच्चाई की जांच करेगी. जांच कमेटी को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. डीन प्रमोद इंगले ने कहा है कि मुजरिमीन पर सख्त कार्रवाई करेंगे.
इंगले का कहना है कि महाराष्ट्र हुकूमत से गाइडलाइन आई हैं. कोविड-19 के मरीज़ों की लाश 30 मिनट के अंदर कोरोना वार्ड से निकलनी चाहिए. अस्पताल के नाते हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम इस गाइडलाइन पर अमल करें. गाइडलाइन के मुताबिक 12 घंटों के अंदर उस लाश की आखिरी रसूमात होनी चाहिए.
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