लंदन स्थित चीफ़ इन्सॉल्वेंसीज़ एंड कंपनीज़ कोर्ट (आईसीसी) के जज माइकल ब्रिग्स ने ब्रिटेन के वक्त के मुताबिक, लगभग पौने चार बजे कहा, "मैं विजय माल्या को दिवालिया करार देता हूं."
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लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने भारत में वॉन्टेड करार दिए गए कारोबारी विजय माल्या के ख़िलाफ़ 'बैंकरप्सी ऑर्डर' जारी किया है. इस ऑर्डर के बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की कियादत वाली भारतीय बैंक के कंसोर्शियम को विजय माल्या से अपने कर्ज़ की वसूली में मदद मिलेगी. अब भारतीय बैंकों का ये कंसोर्शियम अपने कर्ज की वसूली के लिए दुनिया भर में विजय माल्या की संपत्तियों को जब्त कराने की कार्रवाई आगे बढ़ा सकेगा.
माल्या को दिवालिया करार दिया गया
मुख्य दिवाला और कंपनी न्यायालय (ICC) के न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई में कहा, 'मैं डॉ माल्या को दिवालिया करार देता हूं.' भारतीय बैकों की ओर से केस लड़ रहे लॉ फर्म टीएलटी एलएलपी और बैरिस्टर मार्सिया शेकरडेमियन ने इस मामले में पैरवी करते हुए माल्या को दिवालिया करार देने की की मांग की थी.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन स्थित चीफ़ इन्सॉल्वेंसीज़ एंड कंपनीज़ कोर्ट (आईसीसी) के जज माइकल ब्रिग्स ने ब्रिटेन के वक्त के मुताबिक, लगभग पौने चार बजे कहा, "मैं विजय माल्या को दिवालिया करार देता हूं."
भारतीय बैंकों की नुमाइंदगी कर रही लॉ फर्म टीएलटी एलएलपी और बैरिस्टर मार्सिया शेकेरडेमियन ने अदालत से बैंकों के हक में फ़ैसला देने की अपील की थी.
गौपरतलब है कि विजय माल्या पर कई बैंकों से लिए गए करीब 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने का आरोप है. कर्ज वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने 23 जून को इन शेयरों को तब बेचा था, जब प्रवर्तन निदेशालय ने यूबीएल के लगभग 6,624 करोड़ रुपए के शेयर एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों को ट्रान्सफर किए थे.
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