UP Lal Bihari Mritak to Remarry Wife: 66 वर्षीय लाल बिहारी ने कहा कि वह अपनी पत्नी से दोबारा शादी करना चाहते हैं और लोगों का ध्यान जिंदा मृतकों की मौजूदा हालत की तरफ कराना चाहते हैं.
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आज़मगढ़: सरकारी रिकॉर्ड में मुर्दा करार दिए जाने के बाद लाल बिहारी मृतक एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उन्होंने खुद को जिंदा साबित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी.
मृतक लाल बिहारी अब अपनी 56 वर्षीय पत्नी कर्मी देवी से दोबारा शादी करने का मंसूबा बना रहे हैं क्योंकि उसे दोबारा जिंदा हुए 27 साल हो चुके हैं. 30 जून 1994 को उन्हें ज़िंदा करार दिया गया था.
लाल बिहारी ने संवाददाताओं से कहा, 27 साल पहले सरकारी रिकॉर्ड में मेरा दोबारा जन्म हुआ था. शादी की तकरीब 2022 में होगा, जब मैं सरकारी रिकॉर्ड में अपने दोबारा जन्म लेने के बाद 28 साल का हो जाऊंगा.
अब 66 वर्षीय लाल बिहारी ने कहा कि वह अपनी पत्नी से दोबारा शादी करना चाहते हैं और लोगों का ध्यान जिंदा मृतकों की मौजूदा हालत की तरफ कराना चाहते हैं.
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लाल बिहारी ने कहा, 'हालांकि मैंने अपना केस लड़ा और जीता, लेकिन हकीकत में सिस्टम में बहुत कुछ नहीं बदला है. मैं 18 साल तक सरकारी रिकॉर्ड में रहा. अभी भी ऐसे लोग हैं जिन्हें मुर्दा करार दे दिया गया है और उनकी जमीन को रिश्तेदारों की तरफ से सरकारी अधिकारी की मिलीभगत से हड़प लिया गया है. मैं पिछले दशकों से ऐसे पीड़ितों की मदद कर रहा हूं, लेकिन अभियान जारी रहना चाहिए.
लाल बिहारी आजमगढ़ जिले के अमिलो गांव के रहने वाले हैं और उन्हें ऑफिशियल तौर पर 1975 में मुर्दा करार दे दिया.
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अपनी पहचान वापस पाने के लिए अपनी कानूनी लड़ाई के दौरान, उन्होंने अपने नाम में मृतक जोड़ा. उन्होंने अपने जैसे मामलों को उजागर करने के लिए एक मृतक संघ भी बनाया.
फिल्म निर्माता सतीश कौशिक ने उनके जीवन पर एक फिल्म 'कागज' बनाई है और अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने मृतक की भूमिका निभाई है.
(इनपुट- आईएएनएस)
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